BSEB Bihar Board Result: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की इंटरमीडिएट (12वीं) परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन कार्य 26 फरवरी से प्रारंभ हो जाएगा। परीक्षा 14 फरवरी को संपन्न हुई है। रिकार्ड समय में रिजल्ट तैयार करने के लिए बिहार बोर्ड ने अपना साफ्टवेयर डेवलप किया है। जिसके माध्यम से मूल्यांकन के साथ ही मार्क्स शीट भी तैयार होता जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि मूल्यांकन केंद्रों पर इसके लिए कंप्यूटर, स्कैनर के साथ एमपीपी (माक्र्स पोस्टिंग पर्सनल) नियुक्ति किए गए हैं। मूल्यांकन कार्य को आठ मार्च तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। कापियों की जांच और मार्क्स शीट बनाने का काम साथ-साथ चलेगा। इससे बोर्ड को जल्दी रिजल्ट जारी करने में सहूलियत होगी।
हर दिन तैयार होता है रिजल्ट
केंद्राधीक्षकों के अनुसार एक दिन में जितनी कापी का मूल्यांकन होता है। उसके अंक को केंद्र माक्र्स पोस्टिंग पर्सनल बार कोड के आधार पर सबमिट कर देते हैं। साफ्टवेयर इसे बार कोड पर आधारित माक्र्सशीट में अंकित कर देता है। 50 प्रतिशत अंक वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के आधार पर दिए जाते हैं। इसका जवाब परीक्षार्थी ओएमआर शीट पर देते हैं। इसके अंक स्कैनर के माध्यम से साफ्टवेयर रीड कर लेता है। साफ्टवेयर की परिकल्पना आइआइटी कानपुर के छात्र रहे बोर्ड अध्यक्ष सह नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर की है। बोर्ड पूरी तरह से डिजिटलाइज हो चुका है।
बार कोड ही कापी की पहचान
मूल्यांकन कार्य से जुड़े केंद्राधीक्षकों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर आधारित होने के कारण त्रुटि की संभावना काफी कम हो जाती है। सभी कापी पर बार कोड होता है। कौन कापी किस परीक्षार्थी का है, यह कोई नहीं बता सकता है। बार कोड ही कापी की पहचान है। बार कोड के आधार पर ही साफ्टवेयर माक्र्सशीट तैयार करता है। मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद इसे डिकोड किया जाता है। जिसके बाद साफ्टयवेयर बार कोड के स्थान पर संबंधित छात्र का नाम व अन्य जानकारी अंकित कर देता है।
13 लाख से अधिक ने दी है परीक्षा
इस वर्ष इंटर की परीक्षा 13 लाख, 45 हजार, 939 परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। इंटर की परीक्षा के लिए राज्य में 1471 परीक्षा केंद्र बनाये गए थे। बिहार बोर्ड ने अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के मुकाबले बारहवीं की परीक्षा पहले ही ले ली है और अब तैयारी रिजल्ट भी सबसे पहले जारी करने की है। इसके लिए विशेष एप की मदद से रिजल्ट तैयार किया जाएगा। बोर्ड ऐसा पहले भी कर चुका है। मार्च के अंत तक इंटर का रिजल्ट भी जारी किया जा सकता है।
मूल्यांकन केंद्रों पर तैनात किए जा रहे परीक्षक
इंटर परीक्षा के बाद बिहार बोर्ड की नजर कापियों की जांच पर है। राज्य में एक से चौदह फरवरी तक इंटर की परीक्षा आयोजित की गई थी। इंटर की कापियों का मूल्यांकन ठीक से हो इसके लिए बोर्ड की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सभी परीक्षार्थियों की कापियों की समय पर जांच एवं समय पर रिजल्ट जारी करने के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए प्रत्येक मूल्यांकन केंद्र पर सुरक्षा के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला मुख्यालयों पर मूल्यांकन कराने की तैयारी
बोर्ड की ओर से जिला मुख्यालयों पर ही इंटर की कापियों की जांच कराने कि व्यवस्था की गई है। राजधानी में भी कुछ मूल्यांकन केंद्र बनाये गये हैं। वरिष्ठ शिक्षकों को ही मूल्यांकन कार्य में लगाया जाएगा। लापरवाही पाये जाने पर परीक्षकों पर भी बोर्ड कार्रवाई कर सकता है। बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर लगातार पूरी प्रक्रिया की मानिटरिंग करने में जुटे हैं। बोर्ड की ओर से फिलहाल दसवीं यानी मैट्रिक की परीक्षा आयोजित की जा रही है। मैट्रिक का रिजल्ट इंटर के बाद आने की उम्मीद है।
कापी में प्रिंट होता है परीक्षार्थी का डिटेल
बिहार बोर्ड ने परीक्षार्थियों को जो उत्तरपुस्तिका उपलब्ध कराता है, उसमें उसका फोटो, नाम, केंद्र, विषय सहित तमाम जानकारी प्रिंट रहती है। सभी परीक्षार्थियों के लिए उनके नाम से अलग-अलग कापी केंद्रों पर भेजी जाती है। मूल्यांकन कार्य करने वाले शिक्षकों का कहना है कि कापी में परीक्षार्थियों का डिटेल विवरण रहने से साफ्टवेयर को रीड करने में सुविधा होती है। इससे त्रुटि की संभावना लगभग शून्य हो जाता है। बार कोड के समय कापी से प्रिंट डिटेल को अलग कर दिया जाता है।