बिहार मंत्रिमंडल में 70% मंत्रियों पर हत्या व फिरौती जैसे गंभीर मामले दर्ज-पप्पू यादव का आरोप

जन अधिकार पार्टी (JAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने मंगलवार को कहा कि बिहार कैबिनेट में 70 प्रतिशत मंत्रियों पर हत्या, जबरन वसूली, आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। अयोग्य और अपराधियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। शाहनवाज़ हुसैन जैसे प्रतिभाशाली नेता को उद्योग विभाग दिया गया है, जो बिहार में भी नहीं है।

राजधानी पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान, पप्पू यादव ने कहा कि जो लोग अनुबंध और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं, उन्हें बिहार में मंत्री बनाया गया है। राजनीतिक दल करोड़ों रुपये लेकर माफियाओं और अपराधियों को टिकट देते हैं। बिहार में हत्या की बढ़ती घटनाएं इसी का एक परिणाम हैं। व्यापारी वर्ग अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। पप्पू यादव ने बिहार के सभी मंत्रियों की संपत्ति की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में शामिल सभी मंत्रियों की संपत्ति की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच की जानी चाहिए। इस कैबिनेट में समाज के कई वर्गों का सम्मान नहीं किया गया।

इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के आरोपी रितुराज सिंह का जिक्र करते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि मैंने भी अब स्वीकार कर लिया है कि रितुराज ने हत्या को अंजाम दिया था लेकिन हत्या रोड रेज की वजह से नहीं हुई थी। इसके पीछे बहुत रहस्य है, जिसमें कई बड़े नेता और अधिकारी शामिल हैं। ये राज नहीं खुला, इसलिए रूपेश को मार दिया गया। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच आवश्यक है ताकि हत्या के सही कारणों का पता चल सके। सीबीआई के अलावा कोई भी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता।

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पप्पू यादव ने आगे कहा कि भले ही ऋतुराज दोषी हैं, लेकिन इसमें उनकी पत्नी और परिवार का क्या दोष है? 48 घंटे तक अपनी पत्नी को थाने में रखकर क्यों प्रताड़ित किया गया? हमने इस बारे में मानवाधिकार आयोग से शिकायत की। संज्ञान लेने वाले आयोग ने भी हमें अपनी प्रतिक्रिया भेज दी है। शराबबंदी कानून के बारे में बात करते हुए, पप्पू यादव ने कहा कि शराबबंदी के कारण राज्य को हर साल आठ हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है।

इस फैसले पर फिर से विचार करने की जरूरत है। पुलिस का ध्यान अपराधियों को पकड़ने में कम और शराब बेचने में ज्यादा है। कटिहार के डीएम का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि कटिहार के डीएम ने सैंकड़ों लाइसेंस बांटे और अब जब उनसे पूछताछ की जा रही है, तो लाइसेंस रद्द किया जा रहा है। 4-5 लाख लाइसेंस के लिए लिए गए और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को दिए गए।