पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में हर-घर-नल का जल योजना को अब लोक सेवा का अधिकार अधिनियम में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार देर रात हर-घर-नल योजना की समीक्षा बैठक में इस आशय के निर्देश दिए. इसका फायदा यह होगा कि अब इस योजना से जुड़ी समस्या का समाधान निर्धारित अवधि में संभव होगा। समाधान नहीं होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हर-घर-नल का जल योजना की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन वार्डों में इस योजना के तहत काम हो रहा है, उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में योजना को पूरा करने के लिए विशेष पहल की जानी चाहिए। जमीन पर योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट की निगरानी करें। रख-रखाव की व्यवस्था बनाए रखें ताकि सभी को पीने का साफ पानी हमेशा उपलब्ध रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलापूर्ति योजना के कामकाज की नियमित निगरानी होनी चाहिए. नई तकनीक का उपयोग कर सही जानकारी का संग्रह और लोगों की शिकायतों का शीघ्र निवारण। लोगों को पानी का दुरुपयोग न करने के लिए प्रेरित करें। यह पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2009 में अपने दौरे के दौरान उन्होंने खगड़िया में नहाने और पीने के पानी में आर्सेनिक का असर देखा था. आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन प्रभावित वार्डों में काम में तेजी लाएं क्योंकि यह विभिन्न बीमारियों का कारण बनता है। जिन वार्डों में योजना के क्रियान्वयन में समस्या आ रही है, वहां स्थानीय लोगों का सहयोग लें। गया शहर के शेष वार्डों का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।
समीक्षा बैठक में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने मुख्यमंत्री को बताया कि लगभग 99.06 प्रतिशत वार्डों में काम पूरा हो चुका है. जन स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उनके विभाग की देखरेख में इस योजना के तहत जो कार्य चल रहा है वह 97 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है. शहरी विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव आनंद किशोर ने बताया कि शहरी क्षेत्र के 88.55 प्रतिशत वार्ड में यह कार्य पूरा कर लिया गया है.
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, चंचल कुमार, सचिव अनुपम कुमार और विशेष कार्य अधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे. वहीं, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रामप्रीत पासवान, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और विकास आयुक्त आमिर सुभानी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े रहे.