शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, अब बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में होगी BCA, BBA, BMS की पढ़ाई

शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, अब बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में होगी BCA, BBA, BMS की पढ़ाई

पटना। शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई हो सकेगी। विभाग ने इसी सत्र से एडमिशन की भी अनुमति दे दी है।

हालांकि, अस्थायी मान्यता सिर्फ एक सत्र 2024-25 के लिए दी गई है। शिक्षा विभाग ने इस आशय का पत्र सभी रजिस्ट्रार को भेज दिया है। विभाग ने प्रवेश प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए हैं। अब कई विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो जाएगी। इससे गरीब परिवारों से आने वाले छात्र जो बाहर न जा पाने के कारण व्यावसायिक शिक्षा से वंचित रह जाते थे, उन्हें अब अपने ही संस्थान में मौका मिल सकेगा।

नामांकन का मामला अटका हुआ था

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शिक्षा विभाग से अनुमति नहीं मिलने के कारण नामांकन का मामला लंबे समय से अटका हुआ था। बिहार के 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकन से वंचित थे। उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी की ओर से जारी पत्र में बीसीए, बीबीए, बीएमएस समेत अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में नामांकन की अनुमति दी गई है। लेकिन, इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की मंजूरी जरूरी है। ऐसा नहीं करने वाले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों पर कार्रवाई की जाएगी। पत्र में कहा गया है कि पिछले सत्र 2023-24 में जितनी सीटों पर नामांकन हुआ था, उतनी ही सीटों पर नामांकन करना है। उन्हीं विषयों में नामांकन करना है, जिनके अध्यादेश और नियमावली को राज्यपाल सचिवालय से मान्यता प्राप्त है।

विश्वविद्यालय अपने स्तर पर करेंगे जांच

पत्र में यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर जांच करेंगे कि जिन कॉलेजों में प्रयोगशालाएं, शिक्षक, आधारभूत संरचना आदि मानक के अनुरूप नहीं हैं, वहां कम सीटों पर प्रवेश लिया जाए या नहीं। आगामी वर्ष 2025-26 में जिन संबद्ध कॉलेजों को सीटों की संख्या बढ़ानी है, वे अपने सक्षम प्राधिकारी से पहले ही अनुमति प्राप्त कर लें, ताकि सीटों का निर्धारण और पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति स्थायी हो सके। शिक्षा विभाग के इस निर्णय से विद्यार्थियों में खुशी की लहर है। स्थानीय कॉलेज या विश्वविद्यालय में व्यावसायिक शिक्षा नहीं होने के कारण उन्हें बाहर जाना पड़ता था।