शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला

शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला

राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) की तर्ज पर शिक्षा विभाग अपनी एजेंसी बनाएगा ताकि विभागीय फाइलें और उनसे जुड़े काम प्रभावित न हों। इस संबंध में शिक्षा विभाग के स्तर पर सैद्धांतिक सहमति बन गयी है.

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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने हाल की समीक्षा बैठक में इस पर सहमति जताई है. उनकी समीक्षा में पाया गया कि एनआइसी में काफी विभागीय फाइलें लंबित हैं. इसका असर विभाग की कार्य क्षमता पर पड़ रहा है. इसलिए उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को इस दिशा में काम करने को कहा.

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डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं

दरअसल, शिक्षा विभाग अपने डेटा और फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है. इस दिशा में सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है. ऐसे में शिक्षा विभाग एनआईसी से अलग अपना पोर्टल बनाएगा। ऐसा करने वाला शिक्षा विभाग बिहार सरकार का पहला विभाग होगा.

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जनता की शिकायतों पर नजर रखी जा रही है

वहीं, राज्य में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी शिकायतों को लेकर भी सरकार एक्शन मोड में है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सभी जिला एवं प्रखंड मुख्यालय स्थित शिक्षा कार्यालयों में प्राप्त होने वाली जन शिकायतों की निगरानी की जा रही है. यहां कमांड एवं कंट्रोल सेंटर के अंतर्गत 38 जिलों के लिए एक-एक कॉल सेंटर संचालित है, जहां कोई भी शिक्षक, अभिभावक और छात्र कॉल करके अपनी शिकायत कर सकता है।