BIG BREAKING: -ट्रांसजेंडरों के लिए आरक्षण बिहार पुलिस में दिया गया था, लेकिन सरकारी नौकरी में क्यों नहीं (बिहार में सरकार्यारी)? पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार (बिहार सरकार) को बिहार के 40 हजार से अधिक ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के मामले में चार सप्ताह के भीतर उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि जब राज्य सरकार मुट्ठी भर ट्रांसजेंडर सैनिकों को बहाली में आरक्षण दे रही है, तो वे अन्य विभागों में नौकरी क्यों नहीं दे सकते? मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने वीरा यादव द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया।
बिहार सरकार ने हाईकोर्ट में क्या कहा:-
बिहार सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ट्रांसजेंडरों को पिछड़ा वर्ग का लाभ दे रही है। अब उन्हें अलग से आरक्षण देने का कोई मतलब नहीं है। उन्हीं आवेदकों की ओर से अदालत को बताया गया कि अदालत के निर्देश पर पुलिस नौकरियों में आरक्षण का लाभ ट्रांसजेंडरों को दिया गया है, लेकिन राज्य के अन्य विभागों की नौकरियों में आरक्षण का लाभ देने के लिए, सामान्य प्रशासन विभाग अधिसूचना से कुछ प्रकार जारी नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि जब तक सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी नहीं की जाती है, तब तक राज्य के ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में फैसला लेने का आदेश दिया है। साथ ही चार सप्ताह के बाद मामले पर अगली सुनवाई करने का निर्देश दिया।