बिहार में योजनाओं की निगरानी से लेकर वित्तीय लेन-देन तक की व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। अब सीएफएमएस की जगह वामिस प्रभावी होगा। योजनाओं की निगरानी प्रतिदिन की जाएगी। इसको लेकर संबंधित विभागों को सूचना भेजी गई है।
प्रदेश के कार्य विभाग से जुड़े प्रमुख सरकारी कार्यालयों के साथ ही कुछ अन्य विभागों में एक जुलाई से वित्तीय लेन-देने की व्यवस्था बदलेगी। इसके साथ ही योजनाओं की निगरानी भी प्रतिदिन होगी। योजनाओं की वित्तीय निगरानी और निर्माण योजनाओं की अद्यतन स्थिति पर नजर रखने के लिए सरकार ने एक जुलाई से वामिस (वर्क एंड अकाउंट मैनेजमेंट इनफारमेशन सिस्टम) को लागू करने का अनुमति दे दी है।
वामिस लागू किए जाने वाले विभागों को सूचना …सरकार ने अपने फैसले की जानकारी वैसे प्रमुख विभागों को दे दी है, जहां सबसे पहले वामिस (Work and Account Management Information System) को लागू किया जाना है। राज्य में अब तक योजनाओं की वित्तीय मंजूरी के साथ ही इन योजनाओं की निगरानी के लिए सीएफएमएस (कांप्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) प्रभावी था, जिसे सरकार ने 13 जून से बंद करने का निर्णय किया है। सीएफएमएस (Comprehensive Financial Management System) के स्थान पर जुलाई से नई प्रणाली से वित्तीय लेन-देन और स्वीकृति के साथ निगरानी की व्यवस्था लागू होगी।
सीएफएमएस का काम 12 जून तक कर लें पूरा ..जिन विभागों में सबसे पहले वामिस को प्रभावी किया जा रहा है उनमें पथ निर्माण, भवन निर्माण विभाग के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, ग्रामीण कार्य, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, नगर विकास एवं आवास, योजना एवं विकास विभाग सम्मिलित हैं। सरकार ने इन विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव के साथ सचिवों को जारी निर्देश में कहा है कि जिन नई योजनाओं को सीएफएमएस के जरिए अनुमति दी जानी है, उसे हर हाल में 12 जून तक कर लिया जाए, क्योंकि 13 जून से पुरानी प्रणाली के डाटा को नई प्रणाली में ट्रांसफर करने का काम शुरू हो जाएगा। यह महत्वपूर्ण कार्य है और इसे एक तय सीमा में किया जाना जरूरी है।
सीएफएमएस की जगह अब वामिस पर अपलोड किया जाएगा डाटा।13 जून से सीएफएमएस पर रोक, एक जुलाई से नई व्यवस्था