हरियाणा सरकार के नए नियमानुसार छात्र व उनके अभिभावकों को स्कूल के अंदर से ही किताब कॉपी स्टेशनरी आदि खरीदने को मजबूर नहीं किया जाएगा. अब अभिभावक कहीं से भी किताबें खरीदने को स्वतंत्र होंगे. दवाब बनाने पर स्कूल पर कार्रवाई हो सकती है.
कोरोना के समय से ही प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर की जा रही शिकायतों के बाद अब हरियाणा सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. सरकार ने फीस को लेकर कई नियम बनाए हैं. इसके साथ ही कहा है कि अगर स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उनकी मान्यता भी रद्द हो सकती है.
सत्र 2022-23 के लिए बनाए गए नियमों में कहा गया है कि अगर कोई निजी स्कूल किसी अभिभावक से कैश या नकद रूप से फीस लेता है तो उसको मान्यता खोनी पड़ सकती है. स्कूलों को सिर्फ चैक या ऑनलाइन माध्यम से ही फीस (Fee) जमा करवानी होगी. स्कूलों के लिए फीस की व्यवस्था को ज्यादा पारदर्शी और खुला बनाया गया है.
ये बनाए गए हैं नियम- सरकार ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा कैश में फीस लेने पर रोक लगा दी है. छात्रों से फीस डीडी, एनईएफटी, चेक, आरटीजीएस या अन्य किसी डिजिटल माध्यम से ली जाएगी.
. प्राइवेट स्कूल सालाना 10 फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकेंगे लेकिन फीस बढ़ाने की कार्रवाई को शिक्षकों का वेतन बढ़ाने से जोड़ा गया है.
. छात्र व उनके अभिभावकों को स्कूल के अंदर से ही किताब कॉपी स्टेशनरी आदि खरीदने को मजबूर नहीं किया जाएगा. अब अभिभावक कहीं से भी किताबें खरीदने को स्वतंत्र होंगे.
. एनसीईआरटी की किताब की जगह प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें लगाने पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
. कोई भी स्कूल छमाई या वार्षिक आधार पर फीस नहीं लेगा. सिर्फ मासिक आधार पर ही फीस वसूल की जाएगी.
. स्कूल में प्रवेश के समय पहली, छठी, 9वीं और 11वीं कक्षा में दाखिले के समय पर भुगतान योग्य दाखिला फीस ली जा सकेगी.
. स्कूलों को स्पष्ट किया गया है कि सिर्फ बोर्ड परीक्षाओं की ही एग्जाम फीस ली जाएगी. कई स्कूल अन्य कक्षाओं के लिए भी एग्जाम फीस का प्रावधान रखते हैं, इसलिए किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल को किसी भी छात्र के लिए अन्य वार्षिक परीक्षाओं या अन्य परीक्षाओं के लिए फीस के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.
हरियाणा सरकार का कहना है कि ये नियम हरियाणा और सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) के सभी स्कूलों को मानने होंगे. ये सभी नियम 2022-23 के शैक्षणिक सत्र से लागू किए जाएंगे. निदेशालय के आदेश अनुसार इन नियमों में कोई भी मनमानी स्कूल नहीं दिखा सकेंगे.
सभी प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) के लिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. अगर कोई स्कूल 3 बार से अधिक दोषी पाया जाता है तो स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.