Big Breaking:CM नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अब बिन बताए नही सकेंगे कर्मचारी ये काम

पटना। बिहार सरकार ने अब नौकरशाही में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जो बिहार की राजनीति में बहुत चर्चा में है। सीएम नीतीश कुमार की सरकार के नए नियमों के तहत, लोक सेवकों को अब हर संपत्ति के साथ विलासिता का विवरण सरकार को देना होगा। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इससे संबंधित दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। पहली से तीसरी श्रेणी के कर्मचारियों को सरकार के नए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

  सरकारी कर्मचारियों द्वारा दी गई संपत्ति के विवरण में, बड़ी संख्या में लोगों को पता चला कि वे आधी-अधूरी जानकारी देते हैं। इसके कारण, संपत्ति की वास्तविक जानकारी सही तरीके से सामने नहीं आती है। इस बारे में, सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके बारे में कई बातों का पालन करना अनिवार्य कर दिया है।👉बिहार के लोगों को होली के बाद लगेगा झटका,बिजली रेट में वृद्धि,ये है नए रेट

  संपत्ति का विवरण देते समय, अधिकारियों को अपनी अर्जित या विरासत में मिली संपत्ति या परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर जारी संपत्ति के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर लीज या बंधक पर उसके द्वारा ली गई संपत्ति की जानकारी भी स्पष्ट करनी होगी।👉Bihar Panchyat Election: बिहार पंचायत चुनाव में EVM को लेकर संघर्ष, अभी तक कोई पहल नहीं

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  परिवार के किसी भी सदस्य को बैंक में निवेश के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी, जिसमें शेयर डिबेंचर, डिपॉजिट लेटर उसके नाम पर होंगे। साथ ही, कर्मचारियों को अपने द्वारा अर्जित विरासत या संपत्ति के बारे में जानकारी देनी होगी। साथ ही, अगर इन कर्मचारियों पर किसी तरह का कर्ज है, चाहे वह प्रत्यक्ष कर हो या अप्रत्यक्ष कर, तो उनकी जानकारी भी स्पष्ट रूप से देनी होगी।

  कर्मचारियों को कम से कम 30 हजार की चल संपत्ति एक साथ दिखानी होगी। कपड़े, उनके बर्तन, पुस्तकों सहित दैनिक उपयोग की वस्तुओं के मूल्य को शामिल करना आवश्यक नहीं होगा। सभी सरकारी सेवकों को अपने कार्यकाल की शुरुआत से लेकर वर्तमान समय तक अर्जित सभी संपत्तियों का विवरण देना होगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी कर्मचारी सरकार को सूचित किए बिना कोई अचल संपत्ति नहीं खरीद सकेगा। बताया जा रहा है कि यह कदम भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है।

Source-hindustan