नेशनल अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया कि बिहार के प्राथमिक स्कूलों के 81 फीसदी छात्र शिक्षक द्वारा पढ़ाया जा रहा विषय नहीं समझ पाते। सर्वे में पांचवीं से 8वीं तक के छात्रों की स्थिति का आकलन किय
बिहार के स्कूलों में पांचवीं के 83 और आठवीं के 88 फीसदी विद्यार्थी कक्षा में शिक्षक की पढ़ाई समझ नहीं पाते हैं। तीसरी कक्षा में ऐसे बच्चों की संख्या 81 फीसदी है। ये बातें नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 में सामने आई हैं।
@क्या सोचते हैं शिक्षक?
*45 फीसदी ने कहा, उन्हें अलग-अलग कामों में लगाया जाता है।
*30 फीसदी ने कहा, हम ओवरलोड से परेशान हैं।
*55 फीसदी ने कहा, मिड डे मील के बारे में सोचें या पढ़ाने के बारे में।
*65 फीसदी शिक्षक औचक निरीक्षण के डर के साये में रहते हैं।
*34 फीसदी ने कहा, स्कूल में पढ़ाई के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।
*43 फीसदी शिक्षकों के अनुसार- सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधा नहीं होने का असर विद्यार्थियों को पढ़ाने पर पड़ रहा है।
*42 फीसदी शिक्षक अपने वेतन से संतुष्ट नहीं हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
पढ़ाई के तरीके में ज्यादातर शिक्षकों में भाषा की परेशानी आ रही है। शिक्षक क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाएं तो बच्चों को समझ में आयेगा। वहीं ज्यादातर शिक्षक अपनी बातों को समझा नहीं पाते हैं। क्योंकि कक्षा लेने से पहले वो तैयारी नहीं करते हैं।- प्रो. केसी सिन्हा, शिक्षा विशेषज्ञ