महंगाई, बेरोजगारी, निजीकरण आदि के विरोध में ट्रेड यूनियनों व फेडरेशन की दो दिवसीय औद्योगिक हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। दस बजे से पहले ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी क्षेत्रीय, मंडल व शाखा कार्यालयों पर नारेबाजी व प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इंटक की ओर से सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गया। भारतीय जीवन बीमा निगम और सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों और डाक विभाग के कर्मचारी भी हड़ताल पर है। हालांकि भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हैं।
श्रमिकों का अधिकार छीन रही सरकार : इंटक के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि सरकार श्रमिकों का अधिकार छीन रही है, काम के आठ घंटे को बढ़ाकर 12 घंटे कर दी है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष डाक्टर कुमार अरविंद ने कहा हैं कि सरकार बैंकों का निजीकरण कर रही है। जनता का पैसा हम पूंजीपतियों के पास नहीं जाने देंगे। संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि हड़ताल पूरी तरह सफल है।
बताया कि बिहार में व्यावसायिक बैंकों की 2951 और ग्रामीण बैंकों की 2110 शाखाएं बंद हैं। कुल 5061 शाखाओं में कामकाज ठप है। वहीं 2664 एटीएम में आज भी कैश लोड नहीं हुआ। बता दें कि स्टेट बैंक की 983 शाखाएं खुली हैं। वहीं इसके 2408 एटीएम काम कर रहे हैं। इससे लोगों को राहत है। हालांकि अन्य एटीएम खाली हो चुके हैं। बैंक हड़ताल से दो दिनों में 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है।
बीमा और डाक कर्मी भी हड़ताल पर : उधर ईस्टर्न जोन जेनरल इम्पलाईज एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्य नारायण प्रसाद ने कहा है कि सभी साधारण बीमा कंपनियों के कर्मचारियों की हड़ताल से कामकाज ठप है। ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और न्यू इंडिया एश्योरेंस के सभी कार्यालय बंद हैं। दो दिनों में 200 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है।
भारतीय जीवन बीमा के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। फ्रेज़र रोड स्थित जीवन प्रकाश भवन के समक्ष प्रदर्शन हो रहा है। यूनियन के नेताओं का कहना है कि दो दिन में 110 करोड़ रुपये का कारोबार बिहार में प्रभावित हुआ है| इसमें अकेले पटना जीपीओ में चार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है।इंटक की ओर से आज प्रदर्शन में केके काश्यप, नंदन मंडल, दिनेश पांडेय सहित अन्य शामिल थे