सहरसा : बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के आह्वान पर गुरूवार को सभी बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए। हड़ताली बैंककर्मियों ने अपने-अपने शाखा के आगे तालाबंदी कर सरकार के विरोध में नारेबाजी की और बाद में भारतीय स्टेट बैंक परिसर से सभी बैंक के कर्मी मोटरसाइकिल से नारेबाजी करते हुए विभिन्न बैंकों की शाखा में जारी हड़ताल का मुआयना किया। बैंककर्मियों ने वित्त मंत्री द्वारा बैंकों के निजीकरण किए जाने को आमजन विरोधी कदम करार दिया।
हड़ताल में इंडियन बैंक, बैंक आफ इंडिया, यूको बैंक, पीएनबी, बैंक आफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, यूबीजीबी, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया समेत अन्य बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। हड़ताली बैंक यूनियन के नेताओं ने कहा कि बैंकों के निजीकरण का भयंकर दुष्परिणाम सामने आएगा। इसके कारण साधारण ग्राहकों के बैंकों में जमा राशि की सुरक्षा घटेगी। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को बैंकिग सेवा से वंचित होना पड़ेगा। कहा कि बैंकों के निजीकरण से धंधेबाजों को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार का अवसर भी कम होगा, बेरोजगारी और बढ़ेगी।
एसबीआई कर्मचारी संघ के नेता कौशल किशोर झा ने बताया कि सहरसा जिले में कुल 45 एटीएम स्थापित हैं जिसके माध्यम से लगभग नौ करोड़ रुपये की निकासी होती है। वहीं सुपौल जिला में 36 एटीएम के माध्यम से सात करोड़ 20 लाख रुपये की निकासी की जाती है।
उन्होंने कहा कि बैंकों के निजीकरण से सरकार द्वारा चल रही लोक कल्याणकारी योजनाओं पर बुरा प्रभाव पडेगा। इस मौके पर बैंक कर्मचारी संघ के महेश्वर प्रसाद सिंह, अमित कुमार, बबलू सिंह, संतोष सिंह, राहुल कुमार, मो अशरफ, अनूप कुमार, प्रशांत सिंह ,सदानंद कुमार, आनंद कुमार, कृष्णा, अभिजीत, कुमारेंद्र, विपिन झा, लक्ष्मण कुमार, अजय कुमार, सुमित कुमार, मिथिलेश कुमार, दीपक सिंह, मनोज कुमार एवं अक्षय कुमार मौजूद रहे।
यूको बैक में ज्ञानदीप, रविरंजन, सुबोध कुमार, अमित कुमार, दीपक कुमार दिवाकर, ललन मिश्र, मिथिलेश बबलू आदि हड़ताली बैंक कर्मियों ने शाखा के आगे नारेबाजी की।
निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से जिले के विभिन्न बैंकों का लगभग पांच सौ करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। हड़ताल के कारण एटीएम में भी नोट नहीं डाला गया जिसके कारण दोपहर से पहले ही सभी एटीएम में नकदी समाप्त हो गयी। लोग राशि जमा और निकासी के लिए भटकते रहे।