हड़ताल के लिए बैंक पदाधिकारियों और कर्मियों ने कटाया दो दिनों का वेतन

बेगूसराय :  बैंकों के निजीकरण के विरोध में दो दिनों की हड़ताल के बाद शनिवार से फिर बैंक कर्मियों ने अपने कार्य को करना आरंभ कर दिया। दो दिनों के बाद खुले बैंकों में भारी संख्या में ग्राहकों की भीड़ जुट गई। जिसके कारण छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी बैंक आए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा।

दो दिनों के बाद पेंशन से संबंधित जानकारी लेने एसबीआइ मुख्य शाखा पहुंचे मटिहानी के रामस्वरूप झा ने बताया कि खाता पर सिर्फ अपडेट करवाना था, बैंक कर्मी ने कहा कि बाहर जाकर मशीन में करवाइए, बाहर गए तो एक मशीन काम ही नहीं कर रहा था, दूसरे पर लंबी कतार थी, कुछ देर वह काम किया फिर वह भी बंद हो गया है, अब पुन: चालू होने के बाद ही प्रिट निकल पाएगी।

पोखरिया मोहल्ला की शहनाज खातून ने बताया कि अचानक बैंक बंद हो जाने के कारण उन्हें काफी परेशानी हुई। घर में आपरेशन हुआ है, इलाज के लिए निरंतर पैसे मंगवाए जा रहे हैं। अचानक बैंक बंद हो जाने के कारण उन्हें आसपड़ोस से कर्ज लेकर काम करना पड़ा है, इसलिए आज राशि निकासी के लिए आए हैं।

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इधर, एसबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि हड़ताल के लिए बहुत कम ऐसा होता है कि कर्मियों-पदाधिकारियों को वेतन कटवाने पड़ते हैं। मगर इस बार उच्चाधिकारियों ने पहले ही कह दिया था जो हड़ताल पर जाएंगे, उनका दो दिनों का वेतन काटा जाएगा, हम लोगों ने निर्देश के तहत दो दिनों का वेतन कटवाकर सरकार के निजीकरण के फैसले का विरोध किया है।