महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान के बीच राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी चुप्पी क्यों तोड़ी ..! जानिए क्या है उनकी बड़ी रणनीति!

महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान के बीच राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी चुप्पी क्यों तोड़ी ..! जानिए क्या है उनकी बड़ी रणनीति!

वाशिंगटन: – लंबी चुप्पी के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिकी संसद की हिंसा में उनका कोई हाथ नहीं है। ट्रंप ने हिंसक भीड़ के संसद भवन में घुसने की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब वह महाभियोग के साथ आपराधिक मामले का सामना कर रहे हैं।

@ महाभियोग के कारण अमेरिका में नाराजगी: –

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राष्ट्रपति ट्रम्प ने उनके खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर कहा कि इस कारण से अमेरिका के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि वह (डेमोक्रेटिक) जो कर रहे हैं वह बहुत बुरी बात है। उन्होंने कहा कि हम हिंसा नहीं चाहते, कभी नहीं। उन्होंने कहा कि मुझे कोई हिंसा नहीं चाहिए। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी संसद को ट्रंप के खिलाफ लाए गए महाभियोग के प्रस्ताव पर मतदान करना है। ट्रम्प ने मैक्सिको की सीमा पर दीवार का निरीक्षण करने के लिए टेक्सास जाने से पहले कहा कि वे जो कर रहे हैं वह वास्तव में बहुत ही भयानक बात है। हम चाहते हैं कि कोई हिंसा न हो। कभी हिंसा न करें।

ट्रम्प का सीधा संदर्भ हाल के एफबीआई और यूएस नेशनल गार्ड हिंसा-प्रवण बयानों के लिए है। ट्रम्प ने राजधानी वाशिंगटन में 24 जनवरी तक आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है।

@ ट्रम्प की चुप्पी तोड़ने के पीछे क्या रणनीति है: –

 हर्ष पंत (ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन) का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रम्प की चुप्पी के पीछे एक सोची समझी रणनीति है। गौरतलब है कि महाभियोग के बाद ट्रंप पर आपराधिक मामले के तहत कार्रवाई के संकेत मिले हैं। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि ट्रम्प इस पूरे मामले में माफी मांग सकते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी रणनीति बदल दी है। इस घटना के लिए माफी मांगने के बजाय, वह अब हिंसा में भाग लेने से इनकार कर रहा है। हालांकि, उनकी चुप्पी टूटने से पहले, यह माना जाता था कि ट्रम्प को खुद को माफ करने का अधिकार था।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति का यह अधिकार अपराधी को क्षमा करने के अधिकार में है। लेकिन राष्ट्रपति द्वारा अपने लिए इस अधिकार के इस्तेमाल पर संशय था। राष्ट्रपति ट्रम्प किसी भी नए विवाद के सामने आने से पहले ही अपना रुख साफ कर चुके हैं।

प्रो। पंत कहते हैं कि उनका मानना ​​है कि माफी में एक बात साबित हो जाती है कि उन्होंने अपराध कबूल कर लिया है। इसके बाद गेंद सुप्रीम कोर्ट की अदालत में जा सकती है, लेकिन उसने हिंसा में शामिल होने से इनकार करते हुए पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा। अब अगर यह मामला आगे बढ़ता है, तो डेमोक्रेट्स को यह साबित करना होगा कि ट्रम्प इस हिंसा के पीछे कैसे हैं।

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