पटना के साथ बिहार के पांच और शहरों में मिलेगा कंपोजिट सिलेंडर, जानें इसकी खासियत

इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) ने कंपोजिट सिलेंडर का विस्तार किया है। पटना के साथ ही बिहार के पांच शहरों में यह उपलब्ध है। शीघ्र इसे वैशाली में लांच करने की तैयारी है। कंपोजिट सिलेंडर का दायरा बढ़ने के साथ ही इसके उपभोक्ता भी बढ़ रहे हैं। 2021 के सितंबर में इसकी लांचिंग सबसे पहले पटना में हुई थी।

शुरुआत में इसके उपभोक्ता कम थे। हालांकि, उस समय पटना की पांच एजेंसियों के पास ही कंपोजिट सिलेंडर उपलब्ध था। पटना जिले में अब आइओसीएल की सभी 70 गैस एजेंसियों के पास कंपोजिट सिलेंडर पहुंच चुका है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 884 पर पहुंच गई है। हालांकि, पटना जिले में आइओसीएल के कुल उपभोक्ताओं की संख्या 8.9 लाख है। इस लिहाज से अभी संख्या कम है।

  • – पटना में 884 उपभोक्ताओं ने लिया कंपोजिट सिलेंडर
  • – जिले में आइओसीएल के कुल उपभोक्ताओं की संख्या 8.9 लाख
  • – आरा, गया, बेगूसराय और नालंदा में भी उपलब्धता

चार अन्य शहरों में भी उपलब्धता :- पटना के साथ ही चार अन्य शहरों में भी कंपोजिट सिलेंडर उपलब्ध करा दिया गया है। इसमें आरा, बेगूसराय, गया और नालंदा शामिल हैं। आगे इसे वैशाली में लांच करने की योजना है। चरणबद्ध ढंग से हर जिले में इसे उपलब्ध कराया जाएगा। बिहार एलपीजी वितरक संघ के महासचिव डा. रामनरेश सिन्हा ने कहा कि कंपोजिट सिलेंडर को उपभोक्ता पसंद कर रहे हैं। इसके जैसी सुविधा लाल सिलेंडर में नहीं है।

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कंपोजिट सिलेंडर की खासियत :- खाली कंपोजिट सिलेंडर का वजन पांच से छह किलो होता है। इसमें 10 किलो गैस रहती है। इसलिए एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सुविधा होती है। आइओसीएल के डिविजनल एलपीजी हेड राहुल दीक्षित ने कहा कि यह पारदर्शी भी है, जिससे गैस की मात्रा बाहर से देखी जा सकती है। खत्म होने से पहले दूसरा सिलेंडर लिया जा सकता है। इस सिलेंडर में जंग नहीं लगता है।

आकर्षक और सुरक्षित :- मार्डन किचन के अनुसार इसे सुंदर और आकर्षक बनाया गया है। इसकी बनावट ऐसी है कि यह विस्फोट नहीं करता। यह ब्लो मोल्डेड हाई डेंसिटी पालिथिन इनर लाइनर से बना होता है। साथ ही पालिमर से लिपटे फाइबर ग्लास से ढका होता है। इसलिए यह अधिक सुरक्षित है।