मुजफ्फरपुर : बोचाहन प्रखंड सभागार में आयोजित निगरानी समिति की बैठक में प्रवेश कर बाढ़ पीड़ितों ने हंगामा किया। इस बीच प्रखंड की सभी 20 पंचायतों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया गया। अध्यक्षता सीओ वीरेंद्र प्रसाद वर्मा ने की। कई पंचायत समिति सदस्यों ने आरोप लगाया कि उन्हें बैठक के बारे में सूचित नहीं किया गया था। सीओ ने जारी राहत कार्य की जानकारी दी, जिस पर सदस्य भड़क गए। पंचायत सचिव ने कहा कि पॉलीथिन उठा ली गई है, कल इसका वितरण किया जाएगा। इसके बाद हंगामा शांत हुआ। बैठक में बोचन विधायक मुसाफिर पासवान, मीनापुर विधायक मुन्ना यादव, मुखिया संघ अध्यक्ष भरत राय, राजन कुमार सिंह उर्फ राजू सिंह, बीडीओ सुभद्रा कुमारी, प्रखंड प्रमुख शकुंती देवी, अजय कुमार, श्याम सुंदर पटेल, रंजीत कुमार, गंगालाल बैठा, बसंतलाल साहनी शामिल हुए। सहित रामश्रेष्ठ साहनी, प्रखंड पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
नदियों का जलस्तर कम होने से पटरी पर लौटने लगी जनजीवन
औराई में बागमती, लखनदेई और मनुष्मारा नदियों का जलस्तर लगातार कम होने से स्थिति सामान्य हो रही है। फिर भी लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को धारहरवा से हनुमान नगर, धरहरवा से महावीर स्थान, धरहरवा से लक्ष्मीनिया टोला के साथ ही घनश्यामपुर से अन्य स्थानों पर जाने के लिए पानी के रास्ते जाना पड़ता है। इधर, दूषित पानी से मनुष्मारा गुजरने से लोगों को चर्म रोग होने लगे हैं। लोगों को खुजली होने लगी जिससे वे परेशान हैं। बागमती परियोजना उत्तर और दक्षिण बांध के बीच स्थित एक दर्जन गांवों के लोगों को जलस्तर घटने के बावजूद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बागमती नदी की धारा और उपखंड को पार करने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है। जगह-जगह कीचड़ होने के कारण लोगों का गांव के अंदर और बाहर निकलना दूभर हो गया है। कई सड़कों पर अभी भी बाढ़ का पानी बह रहा है। बाढ़ का पानी धान के खेत में घुस जाने से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। दूर-दूर तक धान की फसल आने की संभावना नहीं है।