10 साल बाद जून के पहले हफ्ते में तापमान 47 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। इसके पहले 2012 में तापमान 46.4 डिग्री दर्ज किया गया था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बादल छाए रहेंगे, लेकिन तपिश कम होने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
मई माह में तापमान 48 डिग्री तक पहुंच चुका है, लेकिन बारिश के बाद खासी गिरावट आई और लोगों ने गर्मी से राहत महसूस की। अब जून की शुरूआत भीषण गर्मी से हुई। दो जून को पारे की सुई 47 डिग्री के इर्दगिर्द घूमती रही। दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
पश्चिमी विक्षोभ का दिख रहा असर : कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक दिनेश साहा का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव होगा। बादल छाएंगे। दस साल बाद जून माह में तापमान तल्ख हुआ है।
15 जून से अषाढ़ देगा दस्तक : बामदेव संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य अशोक अवस्थी का कहना है कि पहली जून से नौतपा की शुरूआत होने के कारण गर्मी बढ़ी है। 15 जून से अषाढ़ दस्तक देगा। इसके बाद बारिश होगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।