सुपौल: मौसम के मिजाज में लगातार बदलाव हो रहा है। कभी तेज धूप से गर्मी तो कभी बारिश की वजह से वातावरण में नमी बनी रहती है। मौसम में हो रहे यही परिवर्तन के चलते लोग खासकर छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। मौसम परिवर्तन के कारण बच्चे सर्दी, खांसी व बुखार की चपेट में आ रहे हैं। सदर अस्पताल में सोमवार को शिशु रोग ओपीडी में बीमार पड़ने वाले बच्चों की संख्या अच्छी-खासी थी। ओपीडी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के आगे रखे पंजी में लगभग डेढ़ सौ बच्चों का विवरण अंकित था। उक्त चिकित्सक की मानें तो कुछ दिनों से काफी संख्या में बच्चे बीमार हो इलाज के लिए अस्पताल में आ रहे हैं। इन बच्चों में अधिकतर वायरल बीमारी यानि सर्दी, खांसी व बुखार से संबंधित रहते हैं। दरअसल उमस, गर्मी व बारिश से इस मौसम में शरीर पर किसी भी वाह्य रोग का असर जल्दी होता है। वैसे किसी भी वायरस की वजह से होने वाला बुखार वायरल बुखार कहलाता है। यह विशेषकर मौसम बदलने के दौरान होने वाली बीमारी है, जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण मानव शरीर प्रतिरक्षी तंत्री कमजोर पड़ जाती है और शरीर जल्दी वायरस के संक्रमण में आ जाता है।
बच्चों में हो रहा जान्डिस
वायरल इंफेक्शन के साथ-साथ बच्चे जान्डिस के भी शिकार हो रहे हैं। मौजूदा समय में सदर अस्पताल में इलाज के लिए आने वालों में वायरल इंफेक्शन के अलावा जान्डिस से प्रभावित बच्चे भी शामिल रहते हैं। मालूम हो कि जान्डिस एक ऐसी बीमारी है, जो जन्म के दो-तीन दिनों के भीतर नवजात शिशुओं में हो सकती है। प्रीमेच्योर बच्चों में जान्डिस का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा फोड़े-फूंसी, पेट दर्द, लूज मोशन सहित अन्य बीमारियों से प्रभावित बच्चे इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।
नहीं है कई दवाइयां
यह समय वायरल इंफेक्शन का माना जाता है। बावजूद इसके सदर अस्पताल के दवा काउंटर पर बच्चों की बीमारी से जुड़ी कई दवा नदारद है। पारासीटामोल सीरप व एलबेंडाजोल जैसी दवा नहीं है। वहीं बच्चों की बीमारी की गंभीर स्थिति से निबटने के लिए किसी भी तरह की सूई अस्पताल में नहीं है। इसके अलावा जान्डिस की दवा भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, जबकि मौजूदा समय में काफी संख्या में बच्चे जान्डिस से प्रभावित हो इलाज के लिए सदर अस्पताल आ रहे हैं।
कहते हैं डाक्टर
मौसम परिवर्तन के कारण बच्चे वायरल इंफेक्शन से पीड़ित हो रहे हैं। बच्चों में सर्दी, खांसी व बुखार अधिक देखा जा रहा है। ऐसे समय में बच्चे को ठंडा पानी, कोल्ड ड्रींक्स आदि से दूर रखें। अगर घर का कोई सदस्य सर्दी-खांसी या बुखार से पीड़ित है तो दूसरे बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं। अगर कोई बच्चा संक्रमित है तो अन्य बच्चों को उससे अलग रखें।
डा. हरिशंकर कुमार,
सदर अस्पताल सुपौल।