बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए बनेगी नई नीति, शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय कमेटी गठित
बिहार में शिक्षकों के तबादले और पदस्थापन के लिए नई नीति बनेगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने पहल शुरू कर दी है। नीति निर्माण के लिए विभागीय स्तर पर शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है।
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समिति 15 दिनों में अपने सुझाव देगी। बिहार शिक्षा सेवा प्रशासन उप संवर्ग के संवर्ग के पुनर्गठन, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति और अवकाश अनुसूची तैयार करने के लिए नीति निर्माण पर भी अपने सुझाव देगी। शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक को समिति का सदस्य बनाया गया है। दरअसल, इस समय शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन का मामला विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। करीब तीन लाख नियोजित शिक्षकों में से विशेष शिक्षक के रूप में चयनित होने के बाद उन्हें व्यवस्थित तरीके से पदस्थापित करना है।
फिलहाल इसके लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है। पहले से नियोजित शिक्षकों के रूप में आवंटित विद्यालयों से विशेष शिक्षक बनने के बाद उन शिक्षकों को व्यवहारिक रूप से कैसे पदस्थापित किया जाए, यह पहेली बनी हुई है। समिति इसके लिए विभाग को स्पष्ट सुझाव देगी।
इस समय तबादले को लेकर विभागीय स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा था, इसमें एकरूपता नहीं थी। शिक्षक संघों ने भी तबादले में शिक्षकों की सुविधा का ख्याल रखने की अपील की थी।
इससे पहले शिक्षा विभाग सॉफ्टवेयर के जरिए तबादले की तैयारी कर रहा था, जिसमें कई शिक्षकों का तबादला उनके गृह जिले से दूर के स्कूलों में होने की संभावना थी। इससे एक अलग तरह की परेशानी की संभावना बन गई थी। शिक्षा विभाग में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति को लेकर कई तरह की परेशानियां थीं। स्वीकृत पदों की संख्या कम है, जबकि नियुक्ति के लिए आवेदनों की संख्या अधिक है।ऐ से में विभाग के लिए इस समस्या का समाधान करना बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसलिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए नई नीति बनाई जाएगी।
कैडर का होगा पुनर्गठन
बिहार शिक्षा सेवा प्रशासन उप संवर्ग के कैडर का पुनर्गठन किया जाएगा। वर्तमान में इसमें प्रशिक्षण एवं शिक्षक संवर्ग, एकाकी संवर्ग, प्रशासन संवर्ग समेत चार कैडर हैं। इन्हें पुनर्गठित करने के पीछे वजह स्कूलों में पढ़ाई से लेकर अन्य व्यवस्थाओं में सुधार होगा।
छुट्टी का शेड्यूल व्यावहारिक बनाया जाएगा
छुट्टियों का शेड्यूल तैयार करने के लिए नई नीति बनाने की पहल की गई है। इसके तहत छुट्टी का शेड्यूल व्यावहारिक बनाया जाना है। इसके तहत मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश, चिकित्सा अवकाश, चाइल्ड केयर अवकाश, अध्ययन अवकाश आदि को लेकर नई नीति बनाई जानी है।