नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, सरकार इन लोगों को देगी बेरोजगारी भत्ता;
MeetingDecisionराज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता में वृद्धि कर दी है। मकान किराया भत्ता को चार श्रेणी में बांटा गया है। पटना में रहने वाले कर्मचारियों को पहले मकान भत्ता के रूप में मूल वेतन का 16 प्रतिशत मिलता था।
उन्हें अब 20 प्रतिशत भत्ता मिलेगा।
इसके अलावा सरकार ने मनरेगा के तहत काम नहीं मिलने की स्थिति में श्रमिकों को बेरोजगारी भत्ता देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। करीब तीन महीने बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों के साथ कुल 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
मकान किराया भत्ते की दरें अलग-अलग होंगी
कैबिनेट बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि मकान किराया भत्ते को चार श्रेणियों में बांटा गया है। पटना के कर्मचारियों को वाई श्रेणी में रखते हुए वेतन का 20 प्रतिशत मकान भत्ते के रूप में दिया जाएगा। पहले उन्हें 16 प्रतिशत भत्ता मिलता था। जेड श्रेणी के शहरों को आठ प्रतिशत की जगह 10 प्रतिशत भत्ता दिया जाएगा।
अवर्गीकृत शहरों में अब भत्ते की दर छह प्रतिशत की जगह साढ़े सात प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में चार की जगह पांच प्रतिशत होगी।
राज्य के 32 शहरों को जेड श्रेणी में शामिल किया गया है। जेड श्रेणी में अररिया, आरा, औरंगाबाद, बगहा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, बिहारशरीफ, बक्सर, छपरा, दरभंगा, डेहरी, गया, गोपालगंज, हाजीपुर, जमालपुर, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मोकामा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सीतामढ़ी, सीवान और सुपौल शामिल हैं। मनरेगा में मांग पर काम नहीं मिलने पर मिलेगा बेरोजगारी भत्ता कैबिनेट ने मनरेगा योजना के तहत मांग पर काम नहीं मिलने पर बेरोजगार श्रमिकों को भरण-पोषण के लिए बेरोजगारी भत्ता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके लिए बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 को मंजूरी दी गई है।
मनरेगा के तहत काम मांगने पर 15 से 30 दिनों के अंदर काम उपलब्ध कराना होगा। काम नहीं मिलने पर सरकार संबंधित व्यक्ति को अगले सौ दिनों तक महंगाई भत्ता देगी। भत्ते के रूप में मजदूर को पहले महीने में निर्धारित मजदूरी का एक चौथाई और अगले महीने से मजदूरी का आधा दिया जाएगा।
अक्षर आंचल योजना के संचालन के लिए 7.74 करोड़ स्वीकृत सरकार ने महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के लिए 7.74 करोड़ रुपये से अधिक अनुदान की स्वीकृति दी है। इस राशि से 20 हजार टोला सेवकों और 10 हजार तालिमी मरकज शिक्षा सेवकों का वेतन भुगतान किया जाएगा। राज्य में 20 हजार टोला सेवक और 10 हजार तालिमी मरकज शिक्षा सेवक हैं।
अब आम लोगों को ऑनलाइन मिलेंगे राजस्व दस्तावेज
कैबिनेट ने आम लोगों की सुविधा के लिए राजस्व दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य सरकार राजस्व दस्तावेजों जैसे सभी पुराने न्यायिक आदेश, नक्शे, भू-अभिलेख तथा राजस्व प्रशासन से संबंधित अन्य दस्तावेजों को स्कैन कर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संरक्षित कर रही है। आवेदन करने पर ये दस्तावेज पुराने पारंपरिक तरीके के साथ-साथ नए तरीके यानी ऑनलाइन भी संबंधित नागरिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि किसी भी प्रतिलिपि के लिए स्टाम्प शुल्क अभिलेखों के पृष्ठों के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। इसका निर्धारण राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा कार्यकारी आदेश के तहत किया जाएगा। इसका भुगतान भी विभाग द्वारा ऑनलाइन किया जा सकेगा। डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार डाटा सेंटर द्वारा निर्धारित शुल्क के साथ पंजीकृत आवेदन प्राप्त होने पर उसे संबंधित पदाधिकारी के पास भेजा जाएगा। वहां से पदाधिकारी डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतिलिपि प्राप्त कर दो दिनों के अंदर आवेदक को उपलब्ध कराएंगे। साथ ही आवेदन संख्या, आवेदक का नाम और प्रेषण की तिथि कंप्यूटर पर संधारित प्रेषण पंजी में दर्ज की जाएगी।