एकनाथ शिंदे फिलहाल शिवसेना के 37 बागी विधायकों और नौ निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। गुवाहाटी पहुंचने के बाद शिंदे ने कुछ निर्दलीय समेत 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया था।
गुवाहाटी के एक होटल में अपने साथी विधायकों को संबोधित करते हुए शिंदे ने मराठी में कहा, ‘एक राष्ट्रीय पार्टी जो कि सुपर पॉवर है, ने मुझे बताया है कि आपने जो भी निर्णय लिया है वह ऐतिहासिक है और उन्होंने हमें यह सुनिश्चित किया है कि जो भी मदद की जरूरत होगी वह दी जाएगी।’
जवाब में उद्धव के नाम तीन पन्नों का एक पत्र…गुरुवार को शिवसेना के बागी विधायक शिंदे ने सीएम उद्धव ठाकरे के कल रात के संबोधन के जवाब में तीन पन्नों का एक पत्र ट्वीट किया है जिसमें विधायकों की परेशानियों का जिक्र किया गया है।
शिवसेना नेता शिंदे कैंप की तरफ से मराठी में लिखे गए पत्र में लिखा गया था कि आपके पास इकट्ठा हुए कथित चाणक्यों ने हमें राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति से दूर रखा गया। नतीजा अब सबके सामने है। हमें कहा गया कि आप छठी मंजिल पर आप लोगों से मिल सकते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।’
विधायकों का फोन तक नहीं उठाते…पत्र में कहा गया है कि अपने विधानसभा क्षेत्रों पर काम के लिए हमने कई बार संपर्क किया तो फोन तक नहीं उठते। ये सारी चीजें हम भुगत रहे थे और सभी विधायकों ने यह सहन किया है। हमने आपके आसपास के लोगों को यह बताने की कोशिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
बागी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की बातों का खंडन किया है। उन्होंने लिखा, ‘राज्यसभा चुनाव में शिवसेना का एक भी वोट क्रॉस वोट नहीं हुआ था।’
शिवसेना के रुख में आई नरमी…शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने पार्टी के रुख में बड़े बदलाव का संकेत देते हुए कहा कि असम में डेरा डाले हुए बागी विधायक 24 घंटे के भीतर मुंबई लौटते हैं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ अपनी शिकायतों पर चर्चा करते हैं।
पार्टी महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को छोड़ने पर विचार करने के लिए तैयार है। राउत ने कहा कि बगावत करने वाले विधायकों के लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं और सभी मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है।