पटना । राज्य के सरकारी कर्मचारी-पदाधिकारियों को सेवा समाप्त होने केबाद सेवांत लाभ के लिए विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़े इसको लेकर सरकार ने कोशिश शुरू कर दी है। यह काम सहजता से हो इसके लिए अब पुरानी व्यवस्था में बदलाव करते हुए सेवानिवृत्त होने वाले अफसर-कर्मियों के पांच साल का सेवा इतिहास एक तय मियाद में तलब किया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने हाल के दिनों में एक समीक्षा में सेवांत लाभ से जुड़े मामलों को समय सीमा में निपटने के आदेश सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव को दिए थे। निर्देश के आलोक में अब सभी विभागों के स्तर पर इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश मुख्यालय से लेकर जिलास्तर तक भेजे गए हैं।
महीने की 10 तारीख तक मांगा गया ब्योरा :- विभाग और जिलों के भेजे निर्देश के मुताबिक सेवानिवृत होने वाले अफसर-कर्मी का ब्योरा विभाग को हर हाल में महीने की 10 तारीख तक भेजना होगा। अफसरों को विलंब से बचने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही विभागों को एक नया प्रारूप भी मुहैया कराया गया है।
नए प्रपत्र में पांच वर्ष की देनी होगी जानकारी :- प्रारूप में पांच वर्ष का ब्योरा देना होगा। इसमें सेवा में योगदान, पदनाम, से अंचल, प्रमंडल या विभाग का नाम जहां योगदान किया, सेवानिवृति की तिथि, अनिवार्य ग्रुप बीमा का विवरण, उपार्जित अवकाश के बदले नकद का भुगतान, भविष्य निधि के अंतिम भुगतान की स्थिति के साथ किसी प्रकार की कार्रवाई लंबित हो उसका विवरण दर्ज होना चाहिए।
प्रयास कि सेवानिवृत्ति के बाद न पड़े भटकना :- विभाग की कोशिश है कि सेवानिवृत्त होने के दिन ही संबंधित अफसर अथवा कर्मचारी को सेवांत लाभ मिल सके। इसके लिए उसे विभाग के चक्कर न लगाने पड़े। आदेश पर गंभीरता से अमल करने के निर्देश सभी विभागों को दिए गए हैं।