रोजगार की तलाश में पलायन रोकने के मकसद से नीतीश सरकार बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने की नीति पर काम कर रही है। कल सीएम नीतीश कुमार नई टेक्सटाइल और लेदर नीति लॉन्च करने वाले हैं।
यही नहीं, बिहार अब बांग्लादेश और वियतनाम को टेक्सटाइल प्रक्षेत्र में कड़ी टक्कर भी देगा। बिहार की सबसे बड़ी ताकत इसकी प्रशिक्षित श्रमशक्ति है। तिरुपुर, सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, चंडीगढ़ समेत देश के तमाम टेक्सटाइल कंपनियों में ज्यादातर कुशल या अर्धकुशल कामगार बिहार के ही हैं।
इसलिए बिहार में टेक्सटाइल और लेदर उद्योग की सफलता की गारंटी सबसे ज्यादा है। ऐसे भी इस सेक्टर में कम पूंजी में ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। इसके पहले मंत्री ने देश-विदेश में बसे बड़े कारोबारियों और उद्योगपतियों से बिहार लौटने का आह्वान किया है।
उन्होंने इसके लिए नारा भी दिया है- अब लौट के आइए बिहार में। मंत्री सोमवार को पत्रकारों से रूबरू थे। कहा कि इथेनॉल प़ॉलिसी के बाद अब टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी बिहार के लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण हैं। पहली बार ऐसा लग रहा है कि देश भर के टेक्सटाइल और लेदर सेक्टर के लोग बिहार में निवेश को लेकर उत्साहित हैं।
हमने देश की बेहतरीन पॉलिसी बनाई है। इसमें बिहार में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत से प्रावधान किए गए हैं। हमारे पास पर्याप्त जमीन है। मुख्यमंत्री ने बंद चीनी मिलों की जमीन समेत 2800 एकड़ जमीन उद्योग विभाग को दी है।
अधिवेशन भवन में आयोजन
अधिवेशन भवन में सुबह 10.30 बजे आयोजन होगा। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी, उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौन्डरीक और देश के टेक्सटाइल व लेदर सेक्टर के बड़े उद्योगपति भी मौजूद रहेंगे।
निवेशकों को कई सुविधाएं
नयी पॉलिसी के तहत पूंजीगत अनुदान, रोजगार अनुदान, विद्युत अनुदान, फ्रेट अनुदान, पेटेंट अनुदान, कौशल विकास अनुदान समेत कई तरह के प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा ऋण पर ब्याज अऩुदान, एसजीएसटी का रिम्बर्समेंट, स्टाम्प शुल्क में छूट, निबंधन, भूमि सपंरिवर्तन पर छूट जैसे प्रावधान किये गए हैं।
निवेशकों को मिलेगा बाजार
जो कंपनियां बिहार में निवेश करेंगी, उसे पूर्वोत्तर राज्यों समेत नेपाल, भूटान जैसे कई पड़ोसी देशों की करीब 54 करोड़ की आबादी का बड़ा बाजार मिलेगा। इसलिए बिहार में अपने उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को हमने कहा है कि सिर्फ बेचिए नहीं, अपने प्रोडक्ट बिहार में बनाइए भी।