बिहार के थाने में 26 साल से कैद हैं हनुमानजी, 42 लाख जमानत देकर छुड़ाने वाला आया सामने

पटना : भोजपुर जिले के कृष्णागढ़ थाने में बीते 26 वर्षों से ‘कैद’ हनुमानजी की अष्टधातु की मूर्ति को छुड़ाने के लिए पटना के महावीर मंदिर ने पहल की है। थाने में हनुमान जी की अष्टधातु की मूर्ति है, जो लगभग 42 लाख रुपये की है। इन्हें बाहर निकालने के लिए 42 लाख रुपये की जमानत चाहिए। इसके लिए इतने वर्षों से कोई जमानतदार नहीं मिल रहा था।

महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने गुरुवार को भोजपुर के पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर जमानत की पेशकश की। उन्होंने बताया कि 1996 में भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के गुंडी गांव स्थित श्री रंगनाथ स्वामीजी मंदिर से श्री रामानुज स्वामी और हनुमानजी की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हुई थीं। हनुमान की मूर्ति कुएं से बरामद हुई जिसके बाद मूर्ति को कृष्णागढ़ थाना के मालखाना में रख दिया गया।

आचार्य ने बताया कि मूर्ति को थाने से छुड़ाने के लिए कोर्ट से अनुमति लेनी होगी और जमानत राशि 42 लाख रुपये जमा करना होगा। आचार्य किशोर कुणाल ने हनुमानजी की मूर्ति वापस आने पर भोजपुर पुलिस की ओर से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होने पर जमानत का प्रस्ताव रखा है।

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10 वर्ष पूर्व भी की गई थी पहल  :- आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष थे तब यह मामला संज्ञान में आया था। श्री रंगनाथ स्वामीजी मंदिर एक निजी मंदिर है। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों ने निजी मंदिर का हवाला देते हुए महावीर मंदिर की ओर से जमानत के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।

16 वर्षों बाद दोबारा यह बात सामने आई तो मूर्ति को कैद से बाहर निकालने के लिए पहल की है। भोजपुर पुलिस द्वारा हनुमानजी की अष्टधातु की कीमती मूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित होने पर महावीर मंदिर द्वारा जमानत की प्रक्रिया को पूरी कर ली जाएगी।