Bihar Tourism: बिहार में पर्यटन स्थलों के विकास और ब्रांडिंग के लिए सरकार कई स्तर पर काम कर रही है। सरकार विधायकों और सांसदों के सुझावों के अनुरूप इन केंद्रों का विकास करेगी। साथ ही, राज्य के पर्यटन केंद्रों की ब्रांडिंग नए सिरे से की जाएगी।
दिल्ली मेट्रो में प्रचार-प्रसार के बाद अब देश भर के महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्रों पर राज्य के पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार करने की तैयारी है। इसको लेकर पर्यटन विभाग दूसरे राज्यों से बातचीत करेगा। पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान अफसरों को इस बाबत निर्देश दिया है। इसके लिए राज्यों के पर्यटन मंत्री को पत्र भेज कर वहां के पर्यटन स्थलों पर बिहार के संबंध में जानकारी देने का आग्रह किया जाएगा।
समीक्षा बैठक के दौरान अफसरों को नए पर्यटन केंद्रों को जल्द से जल्द विकसित करने का निर्देश भी दिया गया है। सभी चिह्नित पर्यटन स्थल तक पहुंच पथ जून तक बनाने का निर्देश दिया गया है, ताकि पर्यटकों को वहां तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो। इस काम में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के साथ एजेंसी पर भी कार्रवाई की जाएगी।
सांसदों-विधायकों के सुझाव पर विकसित होंगे पर्यटन केंद्र :- राज्य के सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों, मुखिया, पार्षद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर नए-पुराने पर्यटन क्षेत्रों का विकास होगा। पर्यटन विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। अभी तक राज्य के 30 से अधिक सांसद, विधायक व अन्य जन-प्रतिनिधियों ने पत्र लिखकर विभाग को अपना सुझाव भेजा है।
इसमें कई जिलों में नए स्थलों को पर्यटन के नक्शे में शामिल करने का सुझाव भी दिया गया है। पर्यटन विभाग के अनुसार, सांसद अजय निषाद, संजय जायसवाल, सुशील कुमार मोदी, मंत्री शाहनवाज हुसैन, विधायक विजय कुमार खेमका, पवन कुमार जायसवाल, डा. शकील अहमद खां, विजय सिंह, महानंद सिंह, मुरारी प्रसाद, पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी, पूर्व सांसद पूर्व सांसद हरि मांझी आदि ने अपने-अपने क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों की स्थिति में सुधार को लेकर विभाग को पत्र भेजा है। जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर कई नए पर्यटन केंद्र चिह्नित भी किए जा रहे हैं। पूर्णिया में प्राचीन गुरुनानक देव बड़ी गुरुद्वारा, कटिहार में ऐतिहासिक कांतनगर गुरुद्वारा और मधुबनी बाजार स्थित गुरुद्वारा को विकसित करने पर सहमति बनी है। पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने बताया कि सभी जन-प्रतिनिधियों के पत्र का जवाब विभाग की ओर से भेज दिया गया है। संबंधित जिलों के डीएम को सदस्यों के माध्यम से चिह्नित क्षेत्रों को जल्द विकसित करने की योजना बनाने को कहा गया है।