बिहार के 17 जिलों के किसान करेंगे प्राकृतिक खेती, सरकार की ओर से मिलेगा अनुदान

बिहार में जैविक कारिडोर, नमामि गंगे और परंपरागत कृषि विकास योजना के बाद अब 17 जिले में 31 हजार हेक्टेयर भूमि पर भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (पीकेवीवाई) से खेती की केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है। कृषि विभाग के प्रस्ताव पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने स्वीकृति दी है। यह योजना जीरो बजट प्राकृतिक खेती के सिद्धांत पर केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है।

योजना के तहत गाय के गोबर-मूत्र का उपयोग करने और सभी सिंथेटिक रासायनिक उर्वरकों के बहिष्कार पर मुख्य जोर दिया जाएगा। साथ ही लोगों को रासायनिक खेती के बदले प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। इस योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा अलग-अलग कलस्टर में जमीन चिह्नित की गई है।

उदाहरण के तौर वैशाली जिले में गंगा किनारे चार हजार हेक्टेयर में चीनिया केला और मुठिया केला की खेती करने वाले किसानों को पूर्णतया प्राकृतिक कृषि पद्धति अपनाने के लिए कृषि विभाग प्रेरित करेगा। इसी तरह मुजफ्फरपुर में लीची,

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पटना में गंगा किनारे दियारा में परवल, लौकी, नेनुआ और तरबूज आदि की खेती के प्रति किसानों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए प्रति हेक्टेयर खेती करने वाले किसानों को दो हजार रुपये का सरकार अनुदान भी देगी।

बसोका करेगा प्रमाणन :-पीकेवीवाई के तहत खेती करने वाले किसानों की फसल, सब्जियों और बागवानी उत्पादों का प्रमाणन बिहार राज्य बीज व आर्गेनिक प्रमाणन एजेंसी (बसोका) द्वारा किया जाएगा। इसके लिए बसोका के अधिकारी खेत में जाकर डिजिटल रिकार्ड संग्रहित करेंगे।

नित्यानंद राय के क्षेत्र पर सरकार मेहरबान :- पीकेवीवाई योजना के चयनित कुल 31 हजार हेक्टेयर में सर्वाधिक आठ हजार हेक्टेयर भूमि का चयन वैशाली और समस्तीपुर जिले से हुई है। दोनों जिलों से चार-चार हजार हेक्टेयर में योजना की स्वीकृति मिली है। वैशाली केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का गृह जिला है, जबकि समस्तीपुर में उनका संसदीय क्षेत्र उजियारपुर आता है।

जिलेवार निर्धारित रकबा (हेक्टेयर में) :-

  • वैशाली- 4000
  • समस्तीपुर -4000
  • बेगूसराय- 4000
  • मुजफ्फरपुर- 4000
  • बक्सर – 2000
  • भोजपुर – 2000
  • पटना- 2000
  • भागलपुर-2000
  • मधेपुरा-2000
  • रोहतास-2000
  • लखीसराय-1000
  • खगडिय़ा- 1000
  • पूर्वी चंपारण-1000
  • दरभंगा-1000
  • पश्चिम चंपारण-1000
  • कटिहार -1000
  • औरंगाबाद-1000