बिहार में जमीन के विवाद के चलते रुकी रेल और सड़क की परियोजनाएं जल्द रफ्तार पकड़ेंगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में जिला भू अर्जन पदाधिकारियों को कहा गया कि वे सभी हितधारकों से बातचीत कर जमीन की समस्या का निदान करें। प्रयास करें कि कोई भी परियोजना जमीन के कारण बाधित न हो।
शनिवार को आयोजित बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों के अलावा रेलवे, एनएच, एनएचएआइ और सशस्त्र सीमा बल के अधिकारी भी मौजूद थे। सशस्त्र सीमा बल के लिए बेतिया में भू अर्जन किया गया है। बैठक में कहा गया कि अगर कहीं मुआवजा की राशि को लेकर जमीन अधिग्रहण में परेशानी है तो जिला भू अर्जन पदाधिकारी किसान और जमीन का उपयोग करने वाले विभाग के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएं।
जमीन का उपयोग करने वाले विभागों को भी समाधान के उपायों के प्रति संवेदनशील रहने के लिए कहा गया। राज्य में जमीन के कारण कई परियोजना लंबित हैं या देर से कार्यान्वित हो रही हैं। नेऊरा-दनियावां-बिहारशरीफ-शेखपुरा रेल लाइन परियोजना में भी जमीन की बाधा है। पुनपुन थाना चामुचक मंझौली में कुल 15 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का विवाद सुलझ गया है।
20 करोड़़ में से सात करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। पटना के जिलाधिकारी को जमीन पर रेलवे को दखल दिलाने का जिम्मा दिया गया है। फुलवारीशरीफ अंचल के कोर्जी मोहम्मदपुर, कोर्जी एवं आलमपुर गोनपुरा में भी इस परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण हो रहा है।
हाजीपुर-सुगौली रेल लाइन :-इस परियोजना के लिए पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर एवं वैशाली जिले में जमीन अधिग्रहण का काम हो चुका है। जमीन पर अधियाची विभाग रेलवे का दखल कब्जा भी हो गया है। रेल लाइन क्षेत्र की 10 संरचनाओं को हटा दिया गया है।
इस परियोजना के लिए पूर्वी चंपारण जिला में दो चरणों में 718 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 227 एकड़ जमीन पर रेलवे का दखल कब्जा हो गया है। मुआवजे की 80 प्रतिशत राशि का भुगतान हो गया है।