लू की चपेट में उत्तर भारत, 122 साल बाद अप्रैल सबसे गर्म; 2 मई के बाद राहत के आसार

सूरज लगातार आसमान से आग उगल रहा है। बढ़ते तापमान और तेज हवाओं के कारण लगभग पूरा उत्तर भारत लू के चपेट में है। सबसे ज्यादा तापमान उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के बांदा जिले का रहा। यहां तापमान 47 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश में तापमान सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।

122 साल का रिकॉर्ड टूटा

अप्रैल महीने में गर्मी ने 122 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए। उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अप्रैल महीना सबसे गर्म रहा। उत्तर पश्चिम के 9 राज्यों जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अप्रैल का औसत तापमान 35.900 (न्यूनतम-अधिकतम का औसत) दर्ज हुआ, जो सामान्य से 3.35 डिग्री अधिक था। इसी तरह मध्य भारत के 6 राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मप्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में औसत तापमान 37.780 दर्ज हुआ, जो सामान्य से 1.490 अधिक था। मौसम विभाग 1901 से मौसम संबंधी आंकड़े जमा कर रहा है। उसके बाद पहली बार अप्रैल इतना गर्म रहा।

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

2 मई के बाद ढीले पड़ेंगे गर्मी के तेवर

2 मई से ही गर्मी कम होने लगेगी। पूरे महीने में देशभर में कई जगह तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार हैं। 5 मई के बाद बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन बनने के आसार हैं। इसके असर से आधे भारत में बारिश होगी। मई का तीसरा हफ्ता सबसे ठंडा रह सकता है। लेकिन, गुजरात, राजस्थान और पंजाब में राहत नहीं मिलेगी।

गर्मी की वजह से 6 साल बाद इतनी बिजली कटौती

16 राज्यों में कुछ दिनों से लगातार बिजली कटौती हो रही है। यूपी, राजस्थान, झारखंड, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि में डिमांड के मुकाबले सप्लाई 10% तक कम है। इसका प्रमुख कारण बिजली प्लांटों में कोयले की कमी है। कई राज्यों में 10-10 घंटे के कट लग रहे हैं। इससे पहले ऐसी स्थिति 2016 में बनी थी।

2010 के बाद सबसे ज्यादा हीटवेव, 5 साल की सबसे ज्यादा बारिश भी

आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि अप्रैल में पूरे देश का औसत तापमान 33.94 डिग्री सेल्सियस रहता है, जो इस बार 35.05 डिग्री दर्ज हुआ है। यानी 1.12 डिग्री ज्यादा।

इससे ज्यादा औसत तापमान 122 साल के इतिहास में केवल तीन बार 1973 में 35.30 डिग्री, 2016 में 35.32 डिग्री और 2010 में 35.42 डिग्री दर्ज हुआ था।

इस साल अब तक देश में हीटवेव और सीवियर हीटवेव के दिन 2010 के बाद सबसे ज्यादा रहे। अप्रैल के दौरान कुल 6 पश्चिमी विक्षोभ आए, लेकिन उनमें से केवल एक ही मामूली असर छोड़ पाया।

उत्तर-पश्चिम भारत में मार्च और अप्रैल के महीने बेहद सूखे रहे। उत्तर-पश्चिम में प्री-मानसूनी बारिश सामान्य से 84% और दक्षिणी भारत में सामान्य से 54% कम हुई।

राजस्थान में अप्रैल महीने के आखिरी दिन भी गर्मी के तेवर तेज रहे। राज्य के 9 शहरों में शनिवार दिन का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर दर्ज हुआ। धौलपुर में लगातार तीसरे दिन पारा 46 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रिकॉर्ड हुआ। दिन ही नहीं रात में भी तेज गर्मी पड़ने लगी है। वहीं, रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर में बूंदाबांदी हुई।

मौसम विभाग की मानें तो 2-3 मई को मौसम में बदलाव हो सकता है। यहां पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पश्चिमी (बीकानेर, चूरू, नागौर, जैसलमेर और जोधपुर) और उत्तरी राजस्थान (गंगानगर, हनुमानगढ़ और झुंझुनू) के कुछ भागों में आंधी और बारिश होने के भी प्रबल आसार हैं।