जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे भाई के लिए नेत्रहीन बहन का प्यार, डॉक्टर से बोली- चाकू दो अभी अपनी किडनी निकालकर देती हूं

राखी बांधकर भाई की लंबी उम्र की कामना करने वाली बहन जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे भाई के लिए संजीवनी साबित हुई है। गुजरात में सूरत शहर के बमरोली में रहने वाले संतराम के यहां पांच बेटियों के बाद एक बेटा पैदा हुआ, लेकिन अब उसकी दोनों किडनी फेल हो गई है।

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डॉक्टर से कहा- अभी निकाल देती हूं भाई के लिए अपनी किडनी
मौत से जूझ रहे भाई को बचाने के लिए बहन किडनी डोनेट करने को तैयार है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि डोनर बहन जन्म से ही नेत्रहीन है। नेत्रहीन बहन किडनी देने के लिए पिता के साथ अहमदाबाद पहुंच गई। बहन ने अस्पताल में डॉक्टर से कहा- चाकू दो मैं भाई के लिए अभी अपनी किडनी निकालकर दे देती हूं।

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पांच बहनों का इकलौता भाई है
पांडेसरा में बमरोली रोड पर जय जवान जय किसान सोसाइटी में रहने वाले संतरामभाई यूपी के आजमगढ़ जिले के मूल निवासी हैं। संतराम लूम्स कारखाने में काम करते हैं। संतरात को पांच बेटियों के बाद एक बेटा पैदा हुआ था। दो बेटियां जन्म से ही विकलांग हैं, वहीं अब 19 साल के इकलौता बेटे की भी दोनों किडनी फेल हो गई है।

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परिवार के लिए जान देने को तैयार हूं
संतराम ने बेटे जितेंद्र को अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती किया है। माता-पिता की हालत देखते हुए बड़ी बेटी सुषमा अपने भाई को किडनी देने को तैयार हो गई है। 22 साल की नेत्रहीन सुषमा पिता पर ही निर्भर है। सुषमा ने कहा माता-पिता, भाई-बहन को आंखों ने नहीं देखा है, पर उनके स्नेह को महसूस करती हूं और उनके लिए जान देने को तैयार हूं।