चैती छठ व्रत के तीसरे दिन गुरुवार को घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए भीषण गर्मी में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
अररिया में शहर के नदी व एबीसी नहर किनारे जगह-जगह डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने-अपने घरों में भी छोटे-छोटे वैकल्पिक तालाब बनाकर सूर्योपासना के पर्व की परंपरा निभायी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों ने नहर व तालाबों के किनारे पहुंचकर अस्तचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर सुख, शांति व समृद्धि की कामना की।
दोपहर तीन बजे से ही व्रतधारियों के परिजन फलों, पकवानों व पूजन सामग्रियों से भरे डाला, सूप, चंगेरा, दउरा अपने-अपने सिर पर लेकर छठ घाट की ओर रवाना हो गये। कई जगहों पर मन्नत मांगने वाले श्रद्धालु दंड प्रणाम करके अपने-अपने घाट पहुंचे। छठ व्रतधारी महिलाएं जलाशयों में भगवान सूर्य की ओर हाथ जोड़े खड़ी थी। कहीं भजन हो रहा था तो कहीं बैंड बाजे बज रहे थे। छठ पूजा को लेकर छठ घाटों को आकर्षक ढ़ंग से सजाया गया था।
बताते चलें कि विगत वर्षों की तुलना अब चैती छठ व्रतियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। पिछले सालों की तुलना इस बार चैती छठ पूजा को लेकर भी लोगों में काफी उत्सुकता दिखी। वहीं छठ पूजा को लेकर प्रशासन भी सक्रिय नजर आया।
फारबिसगंज में छठ पर्व को लेकर स्थानीय सुल्तान पोखर सहित कोठीहाट नहर, पंचमुखी हनुमान मंदिर स्थित तालाब आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में छठव्रतियों ने छठी मईया की पूजा अर्चना की। छठ को लेकर घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया।