आगामी एक अप्रैल से लागू होने वाली बिजली दर में कोई वृद्धि नहीं होगी। मौजूदा बिजली दर ही आगे बरकरार रहेगी। कंपनी की ओर से बिजली दरों में 9.90 फीसदी वृद्धि के प्रस्ताव को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने खारिज कर दिया।
शुक्रवार को आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने सदस्य सुभाष चंद्र चौरसिया की मौजूदगी में यह फैसला सुनाया। आयोग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने 23 835.3 करोड़ की मांग की थी।
बिजली की बिक्री से होने वाली आमदनी के बावजूद 84.44 करोड़ कम होने का हवाला दिया गया था, लेकिन आयोग ने सभी तथ्यों की समीक्षा कर बिजली कंपनी का खर्च 24545.97 करोड़ ही माना। बिजली की बिक्री से कंपनी को होने वाली आय के बादमात्र 6.69 करोड़ का अंतरपाया गया
कंपनी ने यह भी कहा था कि औसतन 4.24 रुपये प्रति किलोवाट की दर से बिजली खरीदी जा रही है, जबकि आपूर्ति करने पर 7.22 रुपये प्रति किलोवाट खर्च हो रहे हैं।
इस पर आयोगने कंपनी को अपना नुकसान 5 फीसदी पर लाने को कहा। अभी कंपनी का वास्तविक नुकसान 35 फीसदी है। आयोग ने दो टूक कहा कि वह अपने नुकसान की भरपाई उपभोक्ताओं से नहीं कर सकता।