गया।जिले में आयुष्मान कार्ड योजना की धीमी रफ्तार है। बीते चार वर्षों में महज 10 प्रतिशत लाभुकों का ही कार्ड बन सका है। गया जिले में 20 लाख 12 हजार 410 पात्र लाभार्थी हैं। लेकिन इनमें से महज दो लाख 26 हजार 48 लाभुकों का ही अब तक कार्ड बन सका है। ऐसे में इस योजना की जमीनी हकीकत समझी जा सकती है।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त चिकित्सा बीमा के तहत यह कार्ड बनना है। आयुष्मान कार्डधारी परिवार को जिला समेत देश भर के योजना से संंबद्ध तमाम अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। गरीब परिवारों को मुफ्त चिकित्सा लाभ की यह देश भर की सबसे बड़ी चिकित्सा बीमा के रूप में योजना बनी है। लेकिन कार्ड बनने की धीमी रफ्तार की वजह से अनेकों गरीब लाभार्थी योजना लाभ से वंचित हो रहे हैं।
वसुधा केंद्रों पर मुफ्त में बनती है आयुष्मान कार्ड :- जिले के किसी भी वसुधा केंद्र पर आयुष्मान कार्ड मुफ्त में बनती है। इसके लिए किसी भी तरह की शुल्क नहीं देनी है। योजना लाभ के बारे में जिला समन्वयक नलिन मौर्य ने बताया कि केंद्र सरकार ने सभी पात्र लाभार्थियों की सूची राज्य सरकारों को उपलब्ध कराई है।
साल 2011 की सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना के डेटा से ही आयुष्मान कार्ड के लाभार्थी का चयन का पात्र लाभुकों की सूची बनी है। कोई भी व्यक्ति जिनका नाम सूची में दर्ज है या नहीं इसकी जानकारी लेने के लिए वसुधा केंद्र पहुंचकर संबंधित लिंक पर अपना नाम देख सकते हैं। कार्ड बनने में देरी का एक कारण लाभुकों के बीच योजना के प्रति जागरूकता का अभाव भी माना जाता है।
जिले में अनेकों ऐसे भी लाभुक हैं जिनका कार्ड तो बन गया लेकिन उनके घर तक अभी तक कार्ड नहीं पहुंचा है। ऐसे लाभुकों के संबंध में जिला समन्वयक बताते हैं कि वह आयुष्मान कार्ड का सही नंबर बताकर भी संबंधित अस्पतालों में मुफ्त इलाज करवा सकते हैं।
वैसे इसके लिए एक लिंक भी है। जिसके जरिए लाभार्थी अपने मोबाइल पर कार्ड को डाउनलोड कर सकते हैं। हाल ही में सरकार ने आयुष्मान कार्ड का लाभ देने के लिए श्रम विभाग के निबंधित मजदूरों को भी इससे जोड़ा है। जिले में इनकी संख्या करीब 84 हजार है। इसके अलावा सेंट्रल आर्म पुलिस फोर्स के सभी कर्मी व उनके आश्रित का भी कार्ड बनना है।