चैत्र नवरात्रि दो अप्रैल से, शक्‍ति स्‍वरूपा मां दुर्गा की आराधना से सुख, समृद्धि व मनोवांछित फल मिलेगा

रंगों का पर्व होली बड़े ही उल्‍लास के साथ मनाया गया। होली की खुमारी उतरने के बाद शक्‍ति स्‍वरूपा मां की आराधना का समय आ रहा है। दो अप्रैल से नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। चैत्र नवरात्रि दो अप्रैल से शुुुरू होकर 11 अप्रैल तक चलेगी।

रंगों का पर्व होली धूमधाम से मनायी गयी। होली के बाद अब शक्‍ति स्‍वरूपा की आराधना व नवसंवत्‍सर के आगमन का समय आ गया है। दो अप्रैल से नवरात्रि प्रारंभ हो रही है।

दो अप्रैल से शुरू होगी नवरात्रि:नवरात्रि के पर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दौरान पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि नवरात्रि में विधि पूवर्क पूजा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और कष्ट, रोग, शत्रु से मुक्ति मिलती है।

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आचार्य के अनुसार चैत्र माह में पड़ने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि भी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि का पर्व 2 अप्रैल 2022 से 11 अप्रैल 2022 तक मनाया जाएगा। विशेष बात ये है कि इस वर्ष किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है।

शुभ मुहूर्त में होगा घटस्‍थापना:नवरात्रि में घट स्थापना का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना 2 अप्रैल को की जाएगी। प्रतिपदा तिथि 1 अप्रैल 2022 को सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी जो 02 अप्रैल 11 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त – 2 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक।घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – 2 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।।  राहुकाल- इस दिन राहुकाल प्रात: 9 बजकर 17 मिनट से प्रात: 10 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। शुभ कार्य राहुकाल में निषेध माने गए हैं।

पहले दिन होगी शैलपुत्री की पूजा :नवरात्रि के प्रथम दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को सौभाग्य और शांति की देवी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से हर तरह के सुख और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। माता का स्वरूप श्वेत वस्त्र धारी है।