यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा में एक मानी जाती है। हर साल इस परीक्षा में लाखों की संख्या में विद्यार्थी भाग लेते हैं, महज कुछ ही प्रतिशत विद्यार्थी सफलता प्राप्त करते हैं।
आज हम बात करेंगे 22 वर्षीय मुकुंद कुमार के बारे में जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी जैसी परीक्षा को पास कर लिया। मुकुंद मधुबनी जिला के बाबूबरही प्रखंड के बरुआर गांव के रहने वाले हैं।
मुकुंद ने 2019 में यूपीएससी एग्जाम को दिया था। जिस का रिजल्ट 2020 के अगस्त माह में आया। इस एग्जाम में मुकुंद ने 54 वी रैंक प्राप्त की।मुकुंद के पिता का नाम मनोज ठाकुर तथा माता का नाम ममता देवी है। मुकुंद के पिता सुधा डेयरी का कारोबार करते हैं।
मुकुंद के पिता की आमदनी इतनी नहीं थी कि ऐसो आराम से उनका जीवन यापन हो सके। फिर भी उन्होंने परिवार की जरूरत से ज्यादा अपने बेटे की पढ़ाई को ध्यान में रखा। मुकुंद के पिता उनको पढ़ाने के लिए अपनी जमीन भी बेच डाली।
मुकुंद की शुरुआती शिक्षा गांव से पूरी हुई है। लेकिन बाद में इनका सेलेक्शन सैनिक स्कूल गुवाहाटी में हो गया। सैनिक विद्यालय से ही इन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। 12वीं के बाद इन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बनाया तथा आगे की पढ़ाई के लिए इन्होंने दिल्ली का रुख किया।
दिल्ली में पी जी डी ए वी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई अंग्रेजी साहित्य से पूरी की।मुकुंद बताते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए एक मकसद का होना बहुत जरूरी है।
मकसद हमें किसी चीज की गहराई को अच्छे से समझने का जुनून पैदा करती है। UPSC की परीक्षा को पास करने के लिए सही सिलेबस का जानकारी होना आवश्यक है।