लोकसभा में सोमवार को सदन की कार्रवाई आधी रात तक चली। इसके साथ ही, नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हफ्तेभर से जारी गतिरोध भी टूट गया। यह सब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अपील के बाद हुआ। राजनाथ ने लोकतांत्रिक परंपराओं का हवाला देकर विपक्ष से चर्चा में शामिल होने की अपील की थी।
सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाथ जोड़कर कहा, ‘लोकतंत्र की परंपराओं को कायम रखना सबकी जिम्मेदारी है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए चर्चा की परंपरा को मत तोड़िए।’ राजनाथ की इस अपील ने काम किया और लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हो गई।
हंगामे के चलते सुबह 10 मिनट ही चली सकी थी लोकसभा की कार्यवाही
इससे पहले, हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही महज 10 मिनट ही चल पाई थी और सदन को शाम 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। शाम को कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की है और लोकसभा को भी ऐसा ही करना चाहिए। सभी सदस्य अपनी बात रख सकें, इसलिए लोकसभा की कार्रवाई को आधी रात तक बढ़ा दिया गया।
कांग्रेस ने कहा- सरकार किसानों में फूट डालने की कोशिश कर रही
लोकसभा में चर्चा में शामिल होते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों में फूट डालने की कोशिश कर रही है। किसानों के मुद्दे पर सेलिब्रिटीज के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर जैसे सेलिब्रिटीज को इस मामले में गुमराह किया गया है।
मोदी ने राज्यसभा में अभिभाषण पर जवाब दिया
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। 77 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री किसान आंदोलन, बंगाल और कृषि कानून पर बात रखी। किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की। कानूनों में बदलाव का रास्ता भी सुझाया। वहीं, विपक्ष के हमले को लेकर कहा कि गालियां मेरे खाते में जाने दो। अच्छा आपके खाते में, बुरा मेरे खाते में। आओ, मिलकर अच्छा करें।