शहर के मुख्य आउटलेट फरदो नाला में 10 फीट गाद (शिल्ट) जमा है। इस कारण बारिश का पानी तेजी से नहीं निकल पाता और शहर का एक हिस्सा हर साल बरसात में डूब जाता है। अतिक्रमण एवं नाला तक पहुंच नहीं होने के कारण उसकी गहराई से उड़ाही नहीं हो पाती है।
नाला की उड़ाही नगर निगम के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है। फिर भी नाला उड़ाही को नगर निगम अपने स्तर से प्रयास कर रहा है। फरदो नाला के उड़ाही कार्य को इस बार ठेका पर दिया जा रहा है। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल नगर निगम इसकी जहां तक संभव हो सके सफाई कर रहा है।
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने यह बातें बार रविवार को पांडे गली में रेलवे ट्रैक के नीचे चल रही नाला उउ़ाही कार्य का निरीक्षण के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन के नीचे नाला स्टोन चिप्स से जाम हो गया है। इसकी उड़ाही ठेके पर कराई जा रही है।
नगर आयुक्त ने नाला के आसपास भ्रमण कर वहां तक जेबीबी मशीन एवं ट्रैक्टर कैसे पहुंच सकता है रास्ते की तलाश करते रहें। उड़ाही के लिए फरदो नाला को जाम किया गया है। इसके कारण पांडे गली के साथ-साथ मोतीझील में फिलहाल जलजमाव हो गया है।
नगर आयुक्त ने लोगों से अपील किया है कि थोडी परेशानी हो रही है इसे दूर कर लिया जाएगा। हालांकि पंप सेट की मदद से पानी को निकाला जा रहा है। निरीक्षण के दौरान वार्ड 20 के पार्षद संजय कुमार केजरीवाल, नगर प्रबंधक ओम प्रकाश एवं निगम के अभियंता मौजूद रहें।
इससे पूर्व स्थानीय वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि एवं पूर्व पार्षद त्रिभुवन राय ने भी चल रहे कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा क जल्द कार्य पूरा नहीं हुआ तो जलजमाव की समस्या विकराल हो जाएगी।