अधर में लटका छात्रों को डाक्टर बनाने का सपना

मधुबनी :-  कर्ज का सहारा और जमीन बेचकर यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा दिलाने वाले जिले के छात्रों के स्वजनों में बच्चों के भविष्य की चिता गहराने लगी है। यूक्रेन पर रूस की हवाई कार्रवाई से यूक्रेन में पढ़ रहे जिले के मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्रों के भविष्य पर फिलहाल संकट आ गया है।

यह संकट कब तक दूर होगा, यह अनिश्चित है। बहरहाल, ऐसे छात्रों के स्वजनों की नजर यूक्रेन की स्थिति के साथ-साथ केन्द्र सरकार पर टिकी है। यूक्रेन से लौट जिले के करीब डेढ दर्जन छात्रों के स्वजन यूक्रेन की हालत में सुधार होने पर बच्चे को फिर से पढ़ाई के लिए यूक्रेन भेजने की आस लगाए हैं।

आयुष की पढ़ाई के लिए कर्ज लेना पड़ा, जमीन भी बेचनी पड़ी : – बेनीपट्टी प्रखंड के करही गांव निवासी हरिश्चंद्र सिंह के पुत्र आयुष कुमार दो साल से यूक्रेन लवीब शहर के नेशनल मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था। यूक्रेन पर रूस के हवाई हमले से बिगड़े हालात से बचने के लिए आयुष गांव लौट आया।

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आयुष के पिता किसान हरिश्चंद्र सिंह ने बताया कि किसान होने के कारण पुत्र की पढ़ाई के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों से कर्ज लेना पड़ा। जमीन भी बेचनी पड़ी। वहां की स्थिति सामान्य होने पर पढ़ाई के लिए पुत्र को फिर से यूक्रेन जाना होगा। उन्होंने बताया कि यूक्रेन से लौटने वाले बच्चों के लिए भारत में पढ़ाई के लिए कोई विशेष रास्ता निकाला जाना चाहिए।

पुत्र की पढ़ाई के लिए सगे-संबंधियों से लिया कर्ज : – जिले के रहुआसंग्राम टोला इस्लामपुर के शिक्षक मो. अब्बास का पुत्र शाहिद अब्बास दिसंबर 2021 में यूक्रेन के विनीक्सिया नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। दाखिल के तीसरे महीने के बाद यूक्रेन में उत्पन्न हालात से शाहिद को घर लौटना पड़ा। उन्होंने बताया कि वे रहुआसंग्राम के प्राथमिक मकतब में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

यूक्रेन में पुत्र का एडमिशन के लिए करीब नौ का खर्च आया था। सगे-संबंधियों से कर्ज लेकर पुत्र को मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन भेजा था। मगर, यूक्रेन की स्थिति से उसे वापस आना पड़ा। यूक्रेन से लौटे बच्चों की पढ़ाई के लिए देश में कोई विशेष पहल नहीं होने से यूक्रेन की स्थिति ठीक होने पर पुत्र को फिर यूक्रेन भेजना मजबूरी होगी।

फिलहाल आनलाइन क्लास का मिला आश्वासन : – जिले के सकरी थाना क्षेत्र के मोहन बरियाम गांव निवासी व्यवसायी हाफिज अब्दुल मतीन के पुत्र राशिद अशरफ पिछले वर्ष मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गया था। लेकिन, यूक्रेन की हालत खराब होने पर राशिद को अपने गांव लौटना पड़ा।

राशिद के बड़े भाई यासिर अरफाक ने बताया कि राशिद यूक्रेन के विनिस्ता शहर के मेडिकल यूनिवर्सिटी में वर्ष 2021 में दाखिला लिया था। उसे फिलहाल यूनिवर्सिटी द्वारा ऑनलाइन क्लास का आश्वासन मिला है। यूक्रेन की वर्तमान स्थिति में राशिद को यूक्रेन भेजने का कोई इरादा नहीं है। यूक्रेन में दाखिला पर करीब दस लाख खर्च आया है। अचानक यूक्रेन की स्थिति खराब होने से घर के लोगों चिता बढ़ गई है।

पुत्र की पढ़ाई के लिए पिता को लेना पड़ा पर्सनल लोन : – झंझारपुर प्रखंड के सिमरा गांव निवासी व ग्रामीण कार्य विभाग के कर्मी दिलीप कुमार लाल के पुत्र अभिषेक कुमार सुमन वर्ष 2019 से यूक्रेन के विनिस्ता शहर के मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। यूक्रेन की बदली परिस्थिति में उन्हें गांव लौटना पड़ा।

अभिषेक ने बताया कि उनकी पढ़ाई पर अब तक करीब 25 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए पिता ने पर्सनल लोन भी लिया है। उन्होंने बताया कि उनके आगे की पढ़ाई के लिए भारत सरकार को मदद के लिए आगे आना चाहिए। यूक्रेन से आने वाले छात्रों को देश के किसी मेडिकल कालेज में दाखिला की पहल होनी चाहिए।