बिहार के हर गांव में मिट्टी जांच प्रयोगशाला खोली जाएगी। इंटर या रसायन शास्त्र से बीएससी करने वाले युवाओं को इसके लिए पांच लाख रुपये तक की मदद की जाएगी। फिलहाल 28-30 गांवों में प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया गया।
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने सोमवार को विधान परिषद में बताया कि राज्य सरकार की योजना हर गांव में मिट्टी जांच प्रयोगशाला खोलने की है। गांव के इंटर या रसायन शास्त्र से बीएससी करने वाले युवाओं को इसके लिए पांच लाख रुपये तक की मदद की जाएगी। गांव में प्रयोगशाला स्थापना के लिए राज्य सरकार किराया भी देगी। फिलहाल 28-30 गांवों में प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया गया है। प्रत्येक नमूने की जांच पर 60 रुपये का भुगतान करना होगा। इससे गांव में ही युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।
राजद सदस्य रामचंद्र पूर्वे और रामबली सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि अीाी तक 3.33 लाख किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है, जबकि 2.73 लाख नमूनों की जांच की जा चुकी है। एक अन्य सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य के हर प्रमंडलीय मुख्यालय में उर्वरक जांच केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव है। सहरसा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में भवन तैयार कर लिया गय है, जो दो से तीन माह में शुरू हो जाएगा।
80 हजार कुओं का होगा जीर्णोद्धार-पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने विधान परिषद में बताया कि राज्य सरकार 80 हजार कुओं का जीर्णोद्धार कराएगी। इसके साथ ही सोख्ता का निर्माण भी किया जाएगा। अभी तक 10,482 कुओं का जीर्णोद्धार किया जा चुका है, जिसमें नालंदा में 1342, गया में 1202 और पटना में 402 कुएं शामिल हैं।
शहीद के स्वजनों को मुआवजा देने की मांग
विधान परिषद के शून्यकाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधान पार्षद डा. मदन मोहन झा ने बेगूसराय के शहीद ऋषि रंजन के स्वजनों के लिए मुआवजे की राशि और नौकरी नहीं मिलने का सवाल उठाया।
कहा कि पिछले चार महीनों में वह कई बार सरकार से मिलने की कोशिश कर चुके हैं। न ही उनके परिजनों को 50 लाख का मुआवजा मिला और न ही उनको सरकारी नौकरी ही मुहैया कराई गई। इस मामले को हल करने की मांग पर सभापति ने सकारात्मक पहल की है।