खगड़िया: सूबे के उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद की ओर से 28 फरवरी को पेश बजट बाद फरकिया के कृषि क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी। 29 हजार करोड़ का बजट आवंटन कृषि क्षेत्र में है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि निर्यात नीति पर जोर है। इथनाल उत्पादन के लिए 151 यूनिट का प्रस्ताव मंजूर किया गया है।
मालूम हो कि फरकिया अर्थात खगड़िया की आर्थिकी की रीढ़ खेती-किसानी है। खासकर मक्का की खेती को लेकर खगड़िया विख्यात है। सिर्फ खगड़िया रैक प्वाइंट से साल में 50 रैक मक्का जाता है। यहां 50 हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती होती है। हजारों किसान मक्का की खेती से जुड़े हुए हैं।
अगर मक्का की खेती और व्यापार का समग्र आकलन करें, तो यहां की बड़ी आबादी इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़ी हुई है। सूबे में इतनी बड़ी संख्या में इथनाल यूनिट लगने से मक्का किसानों को सीधे फायदा मिलेगा। उन्हें बिचौलिये से मुक्ति मिलेगी। उत्पादित मक्का की वाजिब कीमत मिलेगी।
खगड़िया के सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण, श्यामनंदन कुमार कहते हैं-
मक्का किसानों को दो-तीन फायदे सीधे तौर पर मिलेंगे। वे कहते हैं, यह ऐसा जिला है, जहां हर स्टेज का मक्का उपजता है। अब वेस्टेज नहीं जाएगा। किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा। केवीके खगड़िया के प्रधान डा. अनिता कुमारी कहती हैं-
अगर इथनाल प्लांट बैठना शुरू हो जाएगा, तो नि:संदेह मक्का खेती की तस्वीर ही बदल जाएगी। किसानों की कृषि आमदनी बढ़ेगी। मक्का के हर चीज का उपयोग होगा। किसानों के लिए फायदेमंद
खगड़िया जिले में सबसे अधिक मक्का की खेती बेलदौर प्रखंड में होती है। यहां 12 हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती की जाती है। बेलदौर प्रखंड के किसान संजय शर्मा कहते हैं- बजट में सरकार की फोकस कृषि क्षेत्र पर है।
कृषि क्षेत्र के विकास से ही सूबे की तस्वीर बदलेगी। परबत्ता प्रखंड के किसान प्रेम शंकर सिंह उर्फ कल्लू सिंह ने कहा कि यह बजट किसानों के लिए फायदेमंद है। कोरोना काल से किसानों को उबरने का मौका मिलेगा।