PMCH News: बिहार में गंभीर रोगों से पीडि़त गरीब मरीजों के विश्वास का इकलौते केंद्र पीएमसीएच यानी पटना मेडिकल कालेज सह अस्पताल (Patna Medical College and Hospital) शुक्रवार को 97 वर्ष का हो गया। 25 फरवरी 1925 में प्रिंस आफ वेल्स मेडिकल कालेज के नाम से इसकी स्थापना हुई थी। उस समय यह देश ही नहीं दुनिया के चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में से एक था। यहां के डाक्टरों को पूरी दुनिया मान्यता देती थी और वहां उच्च अध्ययन के लिए उन्हें प्रवेश परीक्षा तक नहीं देनी पड़ती थी।
प्रथम राष्ट्रपति के मुख्य चिकित्सक पीएमसीएच के थे
देश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के मुख्य चिकित्सक यहीं के डाक्टर दुखनराम थे। यही नहीं महात्मा गांधी भी अपने भाई की पोती मनु की सर्जरी कराने यहीं आए थे। पूर्ववर्ती छात्र हर वर्ष इसके स्थापना दिवस समारोह में देश-दुनिया से एकत्र होते हैं और गुरुजनों, सहपाठियों, अग्रजों व शिष्यों से भौतिक व भावनात्मक मिलन होता है। पूर्ववर्ती छात्र अद्यतन ज्ञान, शोध व अनुभव भी साझा करते हैं।
कोरोना के कारण सीमित रूप से मनेगा स्थापना दिवस
कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष भी स्थापना दिवस समारोह सीमित रूप से मनाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय सुबह 10.30 बजे राजेंद्र सर्जिकल ब्लाक में समारोह का उद्घाटन करेंगे। इसके पूर्व सुबह 9.30 बजे प्राचार्य कार्यालय के सामने स्थित ग्रीन पार्क में झंडोत्तोलन किया जाएगा। प्राचार्य डा. विद्यापति चौधरी ने कहा कि स्थापना दिवस के लिए सजावट व सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
- एक समय दुनिया में बजता था यहां के डाक्टरों का डंका
- अब भी प्रदेश के गरीब मरीजों के विश्वास का इकलौता केंद्र
इस वर्ष मुख्य अतिथि के रूप में 1963 बैच के पद्मश्री डा. गोपाल प्रसाद सिन्हा हैं। इसके अलावा राज्य के अतिविशिष्ट चिकित्सक डा. एए हई, आइएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सहजानन्द प्रसाद सिंह , पदमश्री डा. शांति राय, पदमश्री डा. विजय प्रकाश सिंह , पदमश्री डा. जितेन्द्र कुमार सिंह, पदमश्री डा. आरएन सिंह, डा. विजय शंकर सिंह , डा. सत्यजीत कुमार सिंह , डा. मंजू गीता मिश्रा, डा. शांति एसबी सिंह आदि उपस्थित रहेंगे ।