बिहार में हर किसी की चाहत होती है कि उसे सरकारी नौकरी मिले और हो भी क्यों ना ! क्योंकि सरकारी नौकरी में सामाजिक सुरक्षा और अच्छा वेतन जो मिलता है । ऐसे में इंजीनियर भी चपरासी का फॉर्म भरता है । बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों का नियोजन (Bihar Teacher Recruitment) किया जा रहा है । शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के मुताबिक 42 हजार शिक्षकों को 23 फरवरी को नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा । ऐसे में हर किसी के मन में ये सवाल है कि नए शिक्षकों को वेतन के रूप में क्या मिलेगा । इसके लिए बिहार सरकार (Bihar Government) ने गाइडलाइन जारी कर दी है । इसे जानने के लिए आपको ये आर्टिकल पूरा क्रमबद्ध तरीके से पढ़ना होगा
कितना मिलेगा वेतन
छठे चरण के तहत राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में बहाल होने वाले लगभग 42 हजार शिक्षकों को हर महीने 22,760 रुपए वेतन मिलेंगे। लेकिन ये शुरुआती दो साल ही मिलेंगे । इसके बाद उनके वेतन में इजाफा होगा ।
दो साल बाद किसे कितना वेतन मिलेगा
दो साल बाद कक्षा 1 से 5 तक के नियोजित शिक्षकों को वर्तमान के 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता, 8 प्रतिशत मकान भत्ता और 1000 रुपए मेडिकल भत्ता के हिसाब से 31125 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलेगा। इसी तरह कक्षा 6 से 10 तक के नियोजित शिक्षकों को प्रतिमाह 32805 रुपए मिलेगे। वहीं,कक्षा 11 व 12 के शिक्षक को प्रतिमाह 34460 रुपए मिलेगा।
20 साल बाद कितना मिलेगा वेतन
अगर आज की महंगाई, मकान और मेडिकल भत्ता के हिसाब से देखा जाये तो 20 साल बाद 1 से 5 तक के शिक्षक को 50950 रुपए, कक्षा 6 से 10 के शिक्षक को 53800 रुपए । वहीं 11वीं और 12वीं के टीचर को 56,460 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलेंगे।
यह है कारण
सभी नियोजित शिक्षकों को एक समान वेतन मिलने का कारण है कि नियुक्ति के दो साल बाद सेवा संपुष्ट होने के बाद ही ग्रेड पे लागू होता है। शिक्षकों का वेतनमान 5200 से 20200 रुपए है। कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षक का ग्रेड पे 2000 रुपए, कक्षा 6 से 10 तक के शिक्षक का ग्रेड पे 2400 रुपए और कक्षा 11 और 12 के शिक्षक का ग्रेड पे 2800 रुपए हैं।
2017 के बाद नए पे मैट्रिक्स के आधार पर वेतन (वेतनमान 5200 से 20200
EPF भी 1800 रुपए काटेगी सरकार
बिहार शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों के लिए अलग से मानदेय का स्लैब तय किए गए हैं। जिसमें सरकार की ओर से 1800 रुपए ईपीएफ के मद में काटे जाएंगे। यानि कुल वेतन में 1800 सौ रुपए भविष्य निधि के नाम पर काटे जाएंगे । जो रिटायरमेंट के वक्त मिलता है ।
चपरासी से भी कम सैलरी
बिहार में जिन शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, उनसे उनकी बीएड और पीजीटी की डिग्री सर्टिफिकेट भी ली गई है। लेकिन उनकी सैलरी एक आदेशपाल (चपरासी) से भी कम है । पुराने शिक्षकों का कहना है कि एक ही स्कूल में साल 1994 और 1999 में बहाल हुए शिक्षकों को 70-80 हजार रुपए वेतन के तौर पर मिलते हैं। जबकि, साल 2006 में उसी स्कूल में आए नियोजित शिक्षकों को अभी 30 हजार रुपए मिल रहे हैं। जिसके चलते योग्य शिक्षक भी अपना सौ फीसदी नहीं दे पाते हैं। ज्यादा से ज्यादा छुट्टी लेते हैं ताकि दूसरा काम कर परिवार चलाने लायक पैसा जुटा सकें।