मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विचार-विमर्श और सहमति मिलने के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने चयनित 42 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों को 23 फरवरी से नियुक्ति पत्र देने की घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि नियुक्ति पत्र चयनित शिक्षकों को उनके नियोजन द्वारा दिए जाएंगे।
बिहार में प्रारंभिक शिक्षक की नियुक्ति की बाट जोह रहे चयनित अभ्यर्थियों को यह खबर बड़ी राहत देने वाली है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विचार-विमर्श और सहमति मिलने के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने चयनित 42 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों को 23 फरवरी से नियुक्ति पत्र देने की घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि नियुक्ति पत्र चयनित शिक्षकों को उनके नियोजन द्वारा दिए जाएंगे। नियुक्ति पत्र के साथ ही शिक्षकों को पदस्थापन वाले विद्यालय भी आवंटित होंगे। योगदान की तिथि से वेतन आदि देय प्रभावी होगा
नियुक्ति पत्र मिलने के तुरंत बाद शिक्षक करेंगे योगदान : शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि नियुक्ति पत्र दिए जाने के तुरंत बाद ही शिक्षक अपना योगदान दे सकते हैं। इसके बाद प्रमाण पत्र के सत्यापन हुए नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान भी शुरू हो जाएगा। बिना सत्यापन वाले शिक्षकों के वेतन का भुगतान उनके प्रमाण पत्रों की जांच के बाद होगा। नियुक्ति पत्र और पदस्थापन के लिए गाइडलाइन भी जारी होगा।
– शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पत्रकारों के सामने की घोषणा
– नियुक्ति पत्र के साथ ही पदस्थापन वाले विद्यालय भी आवंटित
– योगदान की तिथि से वेतन आदि देय प्रभावी
– नियुक्ति पत्र व पदस्थापन के लिए गाइडलाइन जारी होगा
सर्टिफिकेट फर्जी, चयनित शिक्षकों के नियोजन रद
शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019-20 के तहत सभी जिलों से प्रारंभिक विद्यालयों के लिए प्राप्त कुल 90,762 रिक्तियां के विरुद्ध तीन चक्र की काउंसिलिंग में कुल 42,902 शिक्षक अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) संबंधी प्रमाण पत्रों की जांच करवाई गई।
अब तक 95 प्रतिशत प्रमाण पत्रों की जांच हो चुकी है। शेष पांच प्रतिशत प्रमाण पत्रों की जांच चार दिनों के अंदर करा ली जाएगी। जांच में 920 सर्टिफिकेट में गड़बड़ी पकड़ी गई है। अब तक 562 टीईटी-एसटीईटी प्रमाण पत्र जाली मिले हैं। संदेहास्पद 358 प्रमाण पत्रों की दोबारा जांच कराएगी। प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी पाए जाने के बाद चयनित अभ्यर्थियों के नियोजन रद कर दिया गया है और उनके विरुद्ध आपराधिक केस दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। जांच में सबसे अधिक भोजपुर में एसटीईटी के 93 प्रमाण पत्र फर्जी पकड़ में आया है। इसी तरह पूर्वी चंपारण में 65, नालंदा में 38, मुजफ्फरपुर में 29 प्रमाण पत्र जाली मिले हैं।
प्रशिक्षण प्रमाण पत्र गलत पाए जाने पर बर्खास्त होंगे शिक्षक
शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग ने चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण संबंधी प्रमाण पत्रों की जांच हेतु अफसरों की टीम गठित करने का फैसला किया है, जो बिहार के अतिरिक्त केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्, बंगाल, असम, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में जाकर प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराएगी। यदि किसी अभ्यर्थी का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र गलत पाया गया तो वैसे शिक्षक को दोषी मान कर सेवा से बर्खास्त भी किया जाएगा। इसके साथ ही प्राथमिकी दर्ज करा कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई होगी।