ज्वाइंट फोरम ऑफ ट्रेड यूनियन (जेएफटीयू) के बैनर तले शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल में पटना के बीमाकर्मी शामिल हुए। केंद्र सरकार द्वारा बीमा कंपनियों के निजीकरण के विरोध में आयोजित हड़ताल को यूनियनों ने सफल बताया।
जेएफटीयू की अपील पर शहर में ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और न्यू इंडिया इंश्योरेंस के कार्यालयों में कामकाज बाधित रहा। संगठन से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों ने मांग की कि बीमा कंपनियों के निजीकरण को बंद करने के लिए जिबना एक्ट को वापस लिया जाए। सार्वजनिक बीमा कंपनियों को मजबूती प्रदान करने के लिए इन चारों कंपनियों को मर्ज किया जाए। दावा किया कि 2018 के बजट सत्र में इस संबंध में एक प्रस्ताव भी लाया गया था।
हड़ताली कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान यूनियन से जुड़े मिथिलेश कुमार, संजय सिंह, नवीन चंद्र झा, मुकेश लाभ, साकेत रौशन, अंजनी कुमार सिन्हा, विकास कुमार सिन्हा, विनोद कुमार, रवीन्द्र गुप्ता और अशोक कुमार ने हड़ताली कर्मियों को संबोधित किया।
ये हैं प्रमुख मांगें :
- सार्वजनिक बीमा कंपनियों में लंबित पुनरीक्षण वेतन लागू किया जाए
- सेवानिवृत्त बीमाकर्मियों की अपडेट पेंशन लागू की जाए।
- फैमिली पेंशन को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जाए।
- बीमाकर्मियों को 1995 पेंशन स्कीम के तहत लाया जाए।
Source-hindustan