पूरे 12 बार कोरोना वैक्सीन लगवा कर चर्चा में आए मधेपुरा के ब्रह्मदेव मंडल की मुश्किलें बहुत बढ़ गई है। गलत तरीके अपनाकर बार-बार टीका लगवाने वाले 84 वर्षीय ब्रह्मदेव मंडल के खिलाफ न सिर्फ धोखाधड़ी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हो गई है, बल्कि उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापेमारी भी शुरू कर दी है। सोमवार को मधेपुरा पुलिस ने ब्रह्मदेव मंडल के आवास पर छापामारी की तो वे घर छोड़कर फरार हो गए।
पुलिस का कहना है कि हर हाल में मंडल को गिरफ्तार किया जाएगा। मधेपुरा के पुरैनी थाने में स्वास्थ्य विभाग के डॉ विनय कृष्ण प्रसाद के शिकायत पर आईपीसी की धारा 419, 420 और 188 के तहत एफ आई आर दर्ज किया गया है। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
मधेपुरा के सिविल सर्जन डॉ अब्दुल सलाम ने कहा है कि इस मामले में जिला स्तर से भी जांच कमेटी का गठन किया गया है। राज्य के स्तर पर भी मामले की निगरानी की जा रही है।
दरअसल मधेपुरा के पुरैनी थाना क्षेत्र के औरैया गांव का रहने वाला 84 वर्षीय ब्रह्मदेव मंडल स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी पहेली बन गए हैं। इस बुजुर्ग का दावा है इन्होने 11 बार वैक्सीन लगवाया है। 12वीं बार चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर वैक्सीन लगवाने के दौरान ब्रह्मदेव मंडल ने इस बात का खुलासा किया तो बिहार का स्वास्थ्य महात्मा हैरान रह गया। ब्रह्मदेव 13 फरवरी से 30 दिसंबर के बीच उन्होंने 11 बार वैक्सीन का डोज लिया। उसके बाद 4 जनवरी को 12 वां डोज़ लिया। उनका दावा है की वैक्सीन लगवाने से उनका घुटने का दर्द ठीक होता है। इसीलिए वह बार-बार ऐसा करते रहे।
सोमवार को जब पुरैनिया थाने की पुलिस मंडल के औरैया स्थित घर पर छापामारी करने के लिए पहुंचे तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया ग्रामीण सोनी देवी और संजय कुमार ने मीडिया को बताया के पुलिस उसे अपराधियों की तरह खोज रही है। जबकि, केवल दर्द से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने टीका लगवाया। प्रशासन को ऐसा नहीं करना चाहिए।
मौके पर मौजूद ब्रह्मदेव की पत्नी निर्मला देवी ने बताया कि भागलपुर से घुटने के दर्द का इलाज चल रहा था। लेकिन, बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ तो स्थानीय डॉक्टर डॉ भरत लाल से दवा ले रहे थे। इसी बीच 13 फरवरी 2021 को कोरोनावायरस पहला डोज लगवाया तो दर्द में आराम मिला। दर्द के मारे पहले हुए झुक कर चलते थे। टीका लेने के बाद सीधा होकर चलने लगे। इसी वजह से उन्होंने बार-बार टीका लगवाया।