प्राइवेट हास्पीटल में इलाज कराने के नियमों में बड़ा बदलाव, मुजफ्फरपुर सीएस ने दिया यह आदेश

मुजफ्फरपुर। सरकारी से लेकर निजी अस्पताल तक इलाजरत मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य है। किसी भी बीमारी के मरीज यदि इलाजरत हैं तो उनकी कोरोना की जांच होगी। उसके बाद यदि वह संक्रमित मिलते हैं तो उसकी सूचना सीएस कार्यालय को भेजनी है। सीएस डा. विनय कुमार शर्मा ने कहा कि अधिक संख्या में मरीज भी पाजिटिव निकल रहे हैं। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डा.बीएस झा ने बताया कि मरीज को भर्ती होने से पहले कोरोना जांच करनी शुरू कर दी है। अधीक्षक ने कहा कि भर्ती से पहले कोरोना जांच करने के दौरान दो मरीज पाजिटिव मिले हैं। इन मरीजों को कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया हैं। सीएस ने कहा कि सभी निजी अस्पताल के मरीजों पर नजर रखी जा रही है।

कोरोना मरीजों के नमूना के लिए कोविड रैपिड रिस्पांस टीम गठित

मुजफ्फरपुर : कोरोना मरीज के इलाज पर नजर रखने के लिए कोविड रैपिड रिस्पांस टीम गठित की गई है। इसमे एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल के 12 चिकित्सकों को शामिल किया गया है। सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि प्रत्येक टीम में 4-4 चिकित्सक शामिल हैं। जिले के किसी भी अस्पताल में यदि कोरोना के संदिग्ध मरीज होने की सूचना मिलती है तो यह टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर मरीजों का स्थिति की जांच करेगा। उसका नमूना लेकर जांच के लिए एसकेएमसीएच भेजेगा। चारों टीम का क्षेत्र का भी बंटवारा कर दिया गया है। इसके अलावा एक टीम रिजर्व है, जो किसी चिकित्सक के छुट्टी जाने पर उसका जगह पर काम करेगा। सीएस ने कहा कि टीम जिलेभर के निजी अस्पतालों में संदिग्ध कोरोना मरीजों की मानीटङ्क्षरग कर इलाज करेगा। चारों टीम के चिकित्सक सदर अस्पताल के कंट्रोल रूम में अपना योगदान देंगे।

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