नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के सपने को साकार करने के लिए वर्ष 2022 काफी महत्वपूर्ण होगा। हालांकि नीति के क्रियान्वयन पर तेजी से काम शुरू हो गया है, लेकिन इस साल उच्च शिक्षा से स्कूली शिक्षा में बदलाव के बीज बोए जाएंगे, आने वाले वर्षों में इसकी फसल फल-फूलेगी। इस साल काम शुरू करने वाले नए बदलावों में लगभग एक दर्जन प्रमुख सिफारिशें हैं जैसे कि भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई), राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ), स्कूली शिक्षा के लिए एक नया शैक्षणिक और पाठ्यचर्या ढांचा तैयार करना।
जब से यह नीति सामने आई है, मंत्रालय ने अपनी सभी सिफारिशों को लागू करने के लिए एक समय सीमा तय की है। साथ ही प्रत्येक कार्य को पूरा करने के लिए टीमें भी बनाई गई हैं, जो निर्धारित लक्ष्यों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ाने में लगी हुई हैं.
इस बीच, मंत्रालय ने इस साल लागू करने के लिए जिन अन्य सिफारिशों को आगे बढ़ाया है, उनमें स्कूली पाठ्यक्रम का पुनर्गठन, बेहतर शिक्षकों को तैयार करने के लिए चार वर्षीय एकीकृत बी.एड पाठ्यक्रम की शुरुआत, परीक्षा से संबंधित सुधार शामिल हैं। नए स्कूली पाठ्यक्रम को तैयार करने में सभी राज्यों की स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च ट्रेनिंग (एससीईआरटी) की मदद करना भी शामिल है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 2022 में नीति की सिफारिशों को लागू करने का रोडमैप, ये सभी बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनमें उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा दोनों से संबंधित सिफारिशें शामिल हैं।
इस वर्ष होने वाली उच्च शिक्षा से संबंधित सिफारिशों में भारत के उच्च शिक्षा आयोग का गठन और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन प्रमुख हैं। इन दोनों पहलों से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही स्कूली शिक्षा में नया शैक्षिक व पाठ्यचर्या ढांचा तैयार करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य शुरू होंगे। वर्तमान में स्कूली शिक्षा की संरचना 10+2 मानकों के अनुरूप है। लेकिन अभी जो रूपरेखा प्रस्तावित है उसमें स्कूली शिक्षा 5 जमा 3 जमा 3 जमा 4 के रूप में आएगी.
इसके साथ ही तीन वर्ष से अधिक आयु के सभी बच्चे इसके दायरे में आएंगे, जिनके लिए संरचना में बालवाटिका प्रस्तावित की गई है। यह स्कूलों का नींव स्तर होगा और पांच साल की अवधि का होगा। इसे कक्षा दो तक पढ़ाया जाएगा। साथ ही स्कूलों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने का काम भी शुरू हो जाएगा। हालांकि यह काम 2024 तक चलेगा। इस दिशा में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने का काम लगभग पूरा हो चुका है।