यहाँ लड़कियों को नहीं मिलता मनपसंद वर, लड़के भी रहते हैं कुंवारे; वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

गया : आजादी के सात दशक बाद भी इमामगंज प्रखंड की पकरी गुरिया पंचायत और चुआवर पंचायत को जोड़ने वाली मोरहर, सोहर और लबजी नदियों के संगम पर पुल नहीं बना है. इसको लेकर गांव चुआवर में पुल निर्माण समिति व ग्रामीणों के साथ संयुक्त बैठक की गयी. बैठक में दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे। ग्रामीणों ने अपने संबोधन में कहा कि संगम नदी पर पुल नहीं होने के कारण देश की आजादी के सात दशक बाद भी दर्जनों गांवों के लोगों का जीवन अंधकारमय बना हुआ है. अंधेरे को दूर करने के लिए इस संगम नदी पर पुल बनाना जरूरी है।

वे बताते हैं कि नदी पर पुल कब बनेगा। फिर लोहिया बाजार पकरी-गुरिया विकसित होगा। जिससे लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस संबंध में पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष देवकुमार प्रसाद ने कहा कि अगर सरकार ने वर्ष 2022 तक पुल का निर्माण नहीं कराया तो हम वोटों का बहिष्कार करेंगे और सरकार से एकतरफा लड़ाई लड़ेंगे. जब तक पुल नहीं बन जाता, हम पंचायत से लेकर लोकसभा तक के किसी प्रतिनिधि को वोट नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि पुल मांगना भीख नहीं मांगना अधिकार है। अगर हमें यह अधिकार नहीं मिला तो हम इसके लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में आंदोलन करेंगे.

संगम पर पुल न होने के कारण अच्छे परिवार बेटे-बेटी की शादी के लिए नहीं आते।

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उनका कहना है कि संगम नदी पर पुल नहीं बनने से बेटे-बेटी की शादी कराने में काफी परेशानी होती है. अच्छे परिवार से संबंध संभव नहीं है। जहां बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है। जिससे उन्हें रोजगार नहीं मिल पाता है। गरीबी के कारण बच्चे से लेकर वृद्ध तक काम की तलाश में ठोकर खा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इस संगम पर पुल बन जाए तो आने-जाने की सुविधा होगी और बच्चों को अच्छी तरह पढ़ने का मौका मिलेगा। लोगों को रोजगार मिलेगा। तो गरीबी भी दूर हो जाएगी। जब गरीबी हटेगी तो बेटे-बेटी की शादी के लिए हमारे बीच अच्छे संबंध होंगे। गांव का विकास होता तो बाकी सब खुश होते। इस मौके पर देवकुमार प्रसाद, मनोज शर्मा, बिगन पासवान, सुरेंद्र प्रसाद, जनार्दन यादव, दीपक रावत, राजकुमार शर्मा, सुनील कुमार गुप्ता, तालकेश्वर राम समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे.