अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों (लाल बलुआ पत्थर) की आपूर्ति करने वाले बंशी पहाड़पुर में खदानों की नीलामी में आरक्षित मूल्य से 17 गुना अधिक नीलामी मूल्य प्राप्त हुआ है। 38 खदानों की नीलामी से राज्य को 245 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं। खान एवं पेट्रोलियम के अपर मुख्य सचिव डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि दो खदानों में आरक्षित मूल्य से 42% गुना अधिक पैसा राज्य को मिला है।
अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोशिशों से संवेदनशील बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में नीलामी संभव हुई है। उन्होंने कहा, ‘अब राम मंदिर के लिए कानूनी खनन हो पाएगा और मंदिर के लिए पत्थर उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में लगभग 230 हेक्टेयर क्षेत्र में 39 खदानें बनाई गए हैं। 10 नवंबर से 3 दिसंबर तक दो चरणों में भारत सरकार के ई-प्लेटफॉर्म पर नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई।’ उन्होंने बताया कि इन भूखंडों का आरक्षित मूल्य 7.93 करोड़ रुपये था, जबकि राज्य सरकार को इनकी नीलामी से 245.54 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।
खनन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 120 हेक्टेयर खनन क्षेत्र को राज्य सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट माइन्स एंड मिनरल्स लिमिटेड के लिए रिजर्व किया गया है। वहीं 230.64 हेक्टेयर क्षेत्र में 39 खदानें डेवलप कर उनकी ई-नीलामी की जा रही है।
10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार!
अधिकारी ने कहा, ‘इस क्षेत्र में कानूनी तौर पर खनन शुरू होने से एक अनुमान के मुताबिक 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।’ आपको बता दें कि कागजों पर 2016 के बाद से इस क्षेत्र में कोई खनन नहीं हुआ है, हालांकि इलाके में अवैध खनन से निकाला गया पत्थर मार्केट में उपलब्ध है। दूसरी ओर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जोरों पर चल रहा है। सरकार की तैयारी है कि 2023 के आखिर तक मंदिर को जनता के लिए खोल दिया जाए। हालांकि पूरा परिसर 2025 तक ही तैयार हो पाएगा।