पटना : बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग लैंड रिकार्ड (भू-अभिलेख) के लिए नया कैडर बनाने जा रहा है। इससे जुड़े अधिकारियों पर जमीन से जुड़े दस्तावेजों के रखरखाव की जिम्मेदारी होगी। फिलहाल यह कई हिस्से में बंटा हुआ है। लिहाजा, रैयतों को काफी परेशानी होती है। इस कैडर में शीर्ष पर एक निदेशक होंगे। ये सचिवालय में बैठेंगे। जिलों एवं अंचलों में भी इसके अधिकारी बैठेंगे।
गुरुवार को हुई उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह सहित सभी निदेशालयों के अधिकारी मौजूद थे। इसमें भू-लगान, भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र, दाखिल-खारिज एवं अन्य आनलाइन सेवाओं की स्थिति पर चर्चा हुई। सबसे बड़ा फैसला भू-अभिलेख के संबंध में लिया गया। अंचलों में बन रहे माडर्न रिकार्ड रूम की भी चर्चा हुई। इसके अस्तित्व में आ जाने के बाद जमीन से जुड़े सभी कागजात एक जगह उपलब्ध हो जाएंगे। निर्णय के कार्यान्वयन के लिए विधि विभाग की राय और कैबिनेट की मंजूरी लेनी होगी। तय किया गया कि औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए।
- – मुख्यालय से अंचल तक तैनात होंगे अधिकारी, फिलहाल आंतरिक प्रबंधन से चलेगा काम
- – मुख्यालय में तैनात होंगे निदेशक, जिला में अधीक्षक और अंचल में उपाधीक्षक
मुख्यालय में इस कैडर के एक निदेशक
कैडर की संरचना के बारे में विचार- विमर्श के दौरान इस पर सहमति बनी कि मुख्यालय में इस कैडर के एक निदेशक होंगे। जिलों में भू-अभिलेख अधीक्षक का पदनाम रहेगा। अंचलों में उप अधीक्षक के नाम से भू-अभिलेख के अधिकारी का पद नामित किया जाएगा। सभी पद राजपत्रित श्रेणी के होंगे। फिलहाल, इन पदों को भरने के लिए नई नियुक्तियां नहीं होंगी। रुचि और गंभीरता के आधार पर उपलब्ध कार्य-बल से ही कैडर का गठन किया जाएगा। माना जा रहा है कि योजना प्रभावी होने पर नए कैडर के पदों पर अलग से बहाली भी होगी।