पटना : बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय को जोड़ने वाली सुरंग के अंदर भी ‘संग्रहालय’ का ही नजारा दिखेगा। सुरंग के अंदर भी ऐतिहासिक कलाकृतियों को सजाया जाएगा ताकि लोग रास्ते भर राज्य के समृद्ध इतिहास से रूबरू हो सकें। सूत्रों के अनुसार, 1.4 किलोमीटर लंबी सुरंग (सब-वे) के निर्माण की जिम्मेदारी पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) को दी जा सकती है। भूमिगत खोदाई और सुरंग निर्माण की विशेषज्ञता को देखते हुए राज्य सरकार इस पर विचार कर रही है। इस मुद्दे पर वरीय अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने भी सुरंग के ब्लूप्रिंट और तकनीकी बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है।
दरअसल, संग्रहालयों को जोड़ने वाली सुरंग और पटना मेट्रो दोनों को ही बेली रोड से गुजरना है। ऐसे में तकनीकी दिक्कत को दूर करने के लिए पीएमआरसीएल को इसकी जवाबदेही देने पर विचार किया जा रहा है। पटना मेट्रो रूपसपुर से पटना जंक्शन तक भूमिगत है। वहीं बिहार संग्रहालय से शुरू होने वाली सुरंग भी पटना वीमेंस कॉलेज, आयकर गोलंबर होती हुई पटना संग्रहालय तक जाएगी। एक ही निर्माण कंपनी होने से अलाइनमेंट और अन्य तकनीकी पेच सुलझाने में सहूलियत होगी।
वातानुकूलित होगी सुरंग, एक टिकट पर तीन मजा
दोनों संग्रहालयों के बीच बनने वाली सुरंग तीन मीटर ऊंची और तीन मीटर चौड़ी होगी। यह वातानुकूलित होगी। इसके बनाने का सबसे बड़ा मकसद यह है कि दर्शक एक बार में ही दोनों संग्रहालय आसानी से घूम सकें। अभी एक संग्रहालय घूमने के बाद बहुत कम दर्शक दूसरे संग्रहालय जाते हैं। सुरंग बन जाने के बाद इसके लिए बाहर निकलने की जरूरत नहीं होगी। एक ही टिकट पर दोनों संग्रहालयों को दर्शक देख सकेंगे और सुरंग की कलाकृतियां भी देख सकेंगे। सूत्रों के अनुसार, पटना संग्रहालय में डिस्प्ले के अभाव में बंद पड़ी कलाकृतियों को सुरंग के अंदर प्रदर्शित किया जाएगा। संग्रहालय के अधिकारियों को इस दिशा में तैयार रहने को कहा गया है।